Conspiracy to kill VHP leader: आतंकी सिद्धू पर 10 लाख का इनाम, पुलिस नेटवर्क की जांच में जुटी
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Conspiracy to kill VHP leader: पंजाब में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की हत्या के पीछे आतंकी साजिश का खुलासा हुआ है। इस मामले में खालिस्तानी समर्थित आतंकवादी सुखवीर सिंह उर्फ सिद्धू का नाम सामने आया है। सिद्धू, जो बब्बर खालसा इंटरनेशनल आतंकी संगठन का सक्रिय सदस्य है, पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 10 लाख रुपये का इनाम घोषित किया है।
नौ महीने तक पूरनपुर में छिपा था सिद्धू
पुलिस जांच में यह पता चला है कि सिद्धू वर्ष 2021 में करीब नौ महीने तक पूरनपुर क्षेत्र में छिपा रहा। इस दौरान उसने गांव गजरौला जापटी में भी कई महीनों तक शरण ली। सिद्धू ने इस दौरान स्थानीय निवासियों जसपाल सिंह उर्फ सनी और अर्शदीप सिंह से मुलाकात की थी। पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन नौ महीनों के दौरान सिद्धू किन-किन लोगों के संपर्क में था।
होटल में रुके थे तीन आतंकी
पुलिस ने खुलासा किया कि 23 दिसंबर 2024 को मुठभेड़ में मारे गए तीन खालिस्तानी आतंकवादी – गुरविंदर सिंह, वीरेंद्र सिंह उर्फ रवि और जसप्रीत सिंह उर्फ प्रताप सिंह – ने पूरनपुर के एक होटल में रुकने की योजना बनाई थी। ये तीनों आतंकवादी पंजाब के गुरदासपुर जिले के कलानौर थाना क्षेत्र के निवासी थे। पुलिस ने इनके पास से दो एके-47 राइफल, दो विदेशी पिस्टल और 145 कारतूस बरामद किए।
होटल में ठहरने की व्यवस्था
जांच के दौरान यह पता चला कि तीनों आतंकवादियों ने पूरनपुर के हर जी होटल के कमरे नंबर 105 में दो दिन पहले ठहरने की व्यवस्था की थी। यह व्यवस्था गांव गजरौला जापटी के निवासी जसपाल सिंह उर्फ सनी ने की थी। सनी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि इंग्लैंड से सिद्धू ने उसे होटल की व्यवस्था करने के लिए फोन किया था।
फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल
आतंकियों ने होटल में ठहरने के लिए फर्जी आधार कार्ड का इस्तेमाल किया। जसपाल सिंह उर्फ सनी को इस मामले में आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने सनी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है, जबकि उससे जुड़े अन्य दो लोगों, गुरजीत सिंह और दीपक को पूछताछ के बाद रिहा कर दिया गया।
विहिप नेता की हत्या की साजिश
13 अप्रैल 2024 को विहिप नेता प्रभाकर उर्फ विकास बग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जांच में खुलासा हुआ कि इस हत्या की साजिश में सिद्धू भी शामिल था। सिद्धू ने हत्या के लिए 10 लाख रुपये का लेन-देन अर्शदीप सिंह के माध्यम से किया था। पुलिस ने अर्शदीप को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।
पुलिस की गहन जांच
पुलिस टीम इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। सिद्धू के संपर्क में रहे अन्य लोगों की पहचान के लिए पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक नामों की सूची बनाई है। पुलिस का मानना है कि इन लोगों से पूछताछ के जरिए हत्या और आतंकी साजिश से जुड़े कई अहम सुराग मिल सकते हैं।
एनआईए की कार्रवाई
एनआईए ने सिद्धू को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया है। सिद्धू की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार की मदद से पुलिस टीम ने स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं।
पंजाब में विहिप नेता की हत्या से जुड़े इस मामले ने खालिस्तानी आतंकवाद के बढ़ते खतरे की ओर इशारा किया है। पुलिस और एनआईए की कार्रवाई से उम्मीद है कि जल्द ही इस साजिश के पीछे छिपे सभी दोषियों को गिरफ्तार किया जाएगा और उन्हें कानून के दायरे में लाया जाएगा।