राष्‍ट्रीय

Beijing Traffic Jam: बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर 12 दिन तक चला दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम

Beijing Traffic Jam: ट्रैफिक जाम की समस्या से हर कोई वाकिफ है, खासकर वे लोग जो रोज़ ऑफिस जाने के लिए सफर करते हैं। चाहे नोएडा हो, दिल्ली या बेंगलुरु, ट्रैफिक जाम में फंसना एक आम बात है। लेकिन 2010 में चीन की राजधानी बीजिंग में एक ऐसा जाम लगा जिसने पूरी दुनिया का ध्यान खींचा। बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर यह जाम पूरे 12 दिनों तक चला, जो अब तक का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम माना जाता है।

कैसे और कब शुरू हुआ यह जाम?

यह ऐतिहासिक ट्रैफिक जाम 14 अगस्त 2010 को शुरू हुआ। दरअसल, बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे (चीन नेशनल हाइवे 110) पर सड़क निर्माण कार्य चल रहा था। उसी समय भारी वाहन, जो मंगोलिया से बीजिंग कोयला और निर्माण सामग्री ले जा रहे थे, उस सड़क पर आ गए। सड़क पहले से ही आंशिक रूप से बंद थी और ट्रकों के भारी भार ने स्थिति को और खराब कर दिया।

स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि गाड़ियों में यांत्रिक खराबी आ गई और हजारों वाहन एक के बाद एक फंसते गए। यह जाम 100 किलोमीटर से अधिक लंबा था और इसमें जीवन पूरी तरह ठहर गया।

Beijing Traffic Jam: बीजिंग-तिब्बत एक्सप्रेसवे पर 12 दिन तक चला दुनिया का सबसे लंबा ट्रैफिक जाम

Odisha News: एंबुलेंस का दावा निकला खोखला! आठ किलोमीटर तक कंधे पर शव लेकर चला परिवार
Odisha News: एंबुलेंस का दावा निकला खोखला! आठ किलोमीटर तक कंधे पर शव लेकर चला परिवार

लोगों की स्थिति:

जरा सोचिए, अपने वाहन में 12 दिनों तक बिना किसी हलचल के फंसे रहना कैसा होगा। हजारों लोग इस जाम में फंस गए थे। इस दौरान लोगों को अपने वाहन में ही सोना, खाना और जीना पड़ा। धीरे-धीरे यह जाम इतना बड़ा हो गया कि लोगों को दैनिक जीवन की जरूरतों को पूरा करना भी चुनौती बन गया।

सड़क किनारे बने अस्थायी घर:

जाम इतना लंबा हो गया कि सड़क किनारे अस्थायी घर बना दिए गए। छोटे वाहनों और कार में सफर कर रहे यात्रियों के लिए सड़क किनारे भोजन और पानी के स्टॉल लगाए गए। लेकिन यहां भी मुनाफाखोरी चरम पर थी। पानी की बोतलें और नूडल्स जैसी चीजें 10 गुना ज्यादा कीमत पर बेची जा रही थीं। स्नैक्स और कोल्ड ड्रिंक्स के लिए भी लोगों को चार गुना दाम चुकाना पड़ा।

प्रशासन की कोशिशें और समाधान:

इस अभूतपूर्व स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने लगातार कोशिशें कीं। सबसे पहले अन्य सड़कों पर यातायात को रोक दिया गया ताकि एक्सप्रेसवे पर यातायात धीरे-धीरे सामान्य हो सके। सड़क पर फंसे ट्रकों को प्राथमिकता से हटाया गया। 12 दिनों की अथक कोशिशों के बाद, 26 अगस्त 2010 को यह जाम समाप्त हुआ।

इस घटना से सबक:

बीजिंग ट्रैफिक जाम ने दिखाया कि कैसे बुनियादी ढांचे की कमी और खराब यातायात प्रबंधन गंभीर समस्याएं खड़ी कर सकता है। यह घटना दुनिया के बाकी शहरों के लिए एक सबक है कि कैसे ट्रैफिक जाम जैसी समस्याओं को भविष्य में टाला जा सकता है।

RCB IPL 2025 Won: 18 साल बाद टूटा इंतजार RCB ने उठाई ट्रॉफी सड़कों से संसद तक गूंजा 'ई साल कप नमदे' का नारा
RCB IPL 2025 Won: 18 साल बाद टूटा इंतजार RCB ने उठाई ट्रॉफी सड़कों से संसद तक गूंजा ‘ई साल कप नमदे’ का नारा

बीजिंग ट्रैफिक जाम न केवल इतिहास का हिस्सा बना, बल्कि यह भी सिखाया कि खराब योजना और प्रबंधन किस हद तक जनजीवन को प्रभावित कर सकता है। यह घटना आज भी एक मिसाल है और आने वाली पीढ़ियों को सिखाती है कि बेहतर परिवहन और यातायात प्रबंधन क्यों जरूरी है।

Back to top button