राष्‍ट्रीय

Shankaracharya on RSS: “‘RSS हिंदू संगठन नहीं है’ बयान पर मोहन भागवत से नाराज हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती”

Shankaracharya on RSS: स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत के उस बयान को गलत ठहराया है, जिसमें उन्होंने देश में खुदाई की प्रक्रिया को बंद करने की बात की थी। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि केवल वही व्यक्ति जो हिंदू समाज के प्रति समर्पित है और हिंदू समाज के लिए कार्य करता है, वही हिंदू समाज से इस प्रकार की बातें कर सकता है।

RSS की भूमिका पर सवाल

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने आरएसएस पर यह आरोप भी लगाया कि RSS बार-बार कहता है कि यह एक अलग प्रकार का सामाजिक संगठन है, न कि एक हिंदू संगठन। उन्होंने कहा कि यदि आरएसएस हिंदू संगठन नहीं है तो उसे हिंदू समाज को दिशा देने का अधिकार नहीं है। उनका यह भी कहना था कि कोई भी अनधिकृत प्रयास बेकार है और हम उस व्यक्ति की सराहना करेंगे जो हिंदू समाज की भावनाओं को समझता हो।

Shankaracharya on RSS: "‘RSS हिंदू संगठन नहीं है’ बयान पर मोहन भागवत से नाराज हुए अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती"

खुदाई का महत्व

भारत खोदने के अभियान (Bharat Khodo Abhiyan) पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर सरकार खुदाई करवाती है तो वह ठीक है, लेकिन जब हिंदू समाज खुदाई करने की मांग करता है तो यह गलत क्यों है? उनका कहना था कि खुदाई का उद्देश्य इतिहास को जानना है और जब सरकार खुदाई करवाती है, तो उस पर सवाल नहीं उठाए जाते। उन्होंने यह भी कहा कि यदि सरकार को खुदाई करने की अनुमति दी जा सकती है, तो हिंदू समाज को क्यों रोका जा रहा है?

हिंदू समाज के सत्य को जानने की जरूरत

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा, “जहां-जहां हमारे ऊपर अत्याचार हुए हैं, हम वहां के सत्य को जानने के लिए खुदाई करेंगे।” उन्होंने अयोध्या, काशी, मथुरा, संभल, अजमेर और मध्य प्रदेश के धार जैसे स्थानों का उल्लेख करते हुए कहा कि जहां भी हमारे ऊपर अत्याचार हुआ, हम वहां का सच जानने के लिए खुदाई करना चाहते हैं।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती का यह बयान उनके गुस्से और हिंदू समाज के प्रति उनके समर्पण को स्पष्ट करता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार खुदाई के काम को सही मानती है, तो हिंदू समाज की मांग को नकारना गलत है और यह हिंदू समाज के इतिहास और संस्कृति के प्रति अनदेखी है।

स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का यह बयान हिंदू समाज की आस्था और पहचान को बचाने के लिए उनके संघर्ष को उजागर करता है, जो इतिहास के सत्य को जानने और उजागर करने की कोशिश कर रहे हैं।

Back to top button