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Success Story: आईपीएस ड्यूटी से छुट्टी लेकर क्रैक किया UPSC, फिर ऐसे बनीं IAS अफसर

यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। हर साल इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। कई बार कुछ अभ्यर्थी असफलताओं से परेशान होकर हार मान लेतें हैं।

 

यूपीएससी को देश की सबसे मुश्किल परीक्षा में से एक माना जाता है। हर साल इस परीक्षा को पास करने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ती है। कई बार कुछ अभ्यर्थी असफलताओं से परेशान होकर हार मान लेतें हैं। लेकिन कुछ हार नहीं मानते है और सफलता हासिल कर लेते हैं। आज हम आपको ऐसी है IAS अफसर के बारे में बताने जा रहे हैं।

इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट
IAS ऑफिसर अर्पिता थुबे ने यूपीएससी परीक्षा 2022 में 214 रैंक हासिल की। अर्पिता महाराष्ट्र के ठाणे शहर की रहने वाली है। उनका बचपन से ही एकेडमिक रिकॉर्ड शानदार रहा है। उन्होंने सरदार पटेल कॉलेज ऑफ़ इंजीनियरिंग से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उनका सपना था देश की सेवा करना, और इस दिशा में उन्होंने यूपीएससी परीक्षा की तैयारी शुरू की।

दूसरे प्रयास में बनीं IPS
अर्पिता ने पहली बार वर्ष 2019 में यूपीएससी की परीक्षा दी। हालांकि, वह प्रीलिम्स परीक्षा भी पास नहीं कर सकीं। यह उनके लिए एक बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने इसे हार मानने के बजाय, एक सीख के रूप में लिया।

इसके बाद वर्ष 2020 में अपनी तैयारी को और मजबूत बनाकर उन्होंने दोबारा प्रयास किया। उनकी मेहनत रंग लाई और उन्होंने 383वीं रैंक हासिल करते हुए भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में अपनी जगह बनाई। हालांकि, अर्पिता का असली सपना भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में शामिल होना था।

UPSC में हासिल की 214 रैंक
उन्होंन साल 2021 में यूपीएससी परीक्षा दी थी लेकिन वह असफल रही। असफलता के बावजूद उनका हौंसला नहीं टूटा। अर्पिता ने अपने चौथे और अंतिम प्रयास में IPS ड्यूटी से छुट्टी लेकर UPSC की तैयारी क और IAS अफसर बन गई।

युवाओं के लिए हैं प्रेरणा
अर्पिता थुबे की यात्रा यह साबित करती है कि असफलताएं केवल सीखने का अवसर होती हैं। उनकी कहानी लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो अपने सपनों की ओर बढ़ते हुए असफलताओं से हार मानने के बजाय, लगातार प्रयास करते रहते हैं।

अर्पिता ने यह दिखाया कि सच्ची मेहनत और दृढ़ निश्चय से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। उनकी कहानी केवल एक सफलता की नहीं, बल्कि धैर्य, मेहनत और संकल्प की गहराई को समझने की भी है।

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