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Haryana News: गुरुग्राम निगम में उड़ रही सरकारी आदेश की धज्जियां, रिटायर्ड कर्मचारियों का बोलबाला

सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम नगर निगम अधिकारी क्षेत्र को चमकाने के लाख दावे कर ले लेकिन साफ सफाई दुरुस्त न होने से शहर की हालत खस्ता बनी हुई है।

सत्य ख़बर,गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज: गुरुग्राम नगर निगम अधिकारी क्षेत्र को चमकाने के लाख दावे कर ले लेकिन साफ सफाई दुरुस्त न होने से शहर की हालत खस्ता बनी हुई है। जिसका सबसे बड़ा कारण अधिकारियों की लापरवाही और मनमर्जी नजर आ रही है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार निगम अधिकारियों की मनमर्जी और लापरवाही सभी जोनों में नजर आ रही है। किसी जोन में आउटसोर्स के अधिकारी कर्ताधर्ता बने हुए हैं तो कहीं पर रेगुलर अधिकारियों व कर्मचारियों को पावरलेस खाली बैठाया जा रहा है।

जबकि सरकार के स्पष्ट आदेश है कि कंसलटेंट व आउटसोर्स पर रखे गए कर्मचारियों को वित्तीय लेनदेन से दूर रखा जाए। लेकिन निगम में देखने में आया है कि कुछ ऊंची राजनीतिक पहुंच वाले अधिकारी अपने चहेतों को मनमर्जी की सीट पर बैठ कर काफी गोल-माल कर रहे हैं, जिस पर निगम कमिश्नर भी आंखें बंद किए हुए बैठे हैं, क्योंकि उनका समय भी रिटायरमेंट के नजदीक है।

बात करें जॉन तीन नया गुरुग्राम की तो वहां पर एस एस आई पोस्ट पर तैनात हर्ष चावला नामक रेगुलर कर्मचारी को इस समय खाली बैठाया हुआ है,वहीं जेडटीओ की पोस्ट पर एयरपोर्ट से रिटायर्ड आउटसोर्स के कंसलटेंट राजेश यादव को बैठाया हुआ है, वहीं जोन चार में देवेन्द्र बिश्नोई को एस एस आई का चार्ज दे रखा है। जो ठेकेदारों के बिल चेक कर पास कर रहे हैं।

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जबकि प्रदेश सरकार के स्पष्ट आदेश है कि आउटसोर्स के किसी भी कर्मचारी व अधिकारी को निगम के वित्तीय लेनदेन से दूर रखा जाए। लेकिन यहां अधिकारियों की लापरवाही या मिली भगत से आउटसोर्स के कर्मचारी वित्तीय लेनदेन में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। जिससे निगम में वित्तीय लेनदेन में बहुत बड़ा गेम होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिससे जहां सरकार के आदेशों की अवहेलना हो रही है वहीं अधिकारियों की लच्चर कार्यशैली भी उजागर हो रही है।

दबी जबान में निगम अधिकारी बताते हैं कि निगम कमिश्नर अशोक कुमार गर्ग नवंबर में रिटायर होने वाले हैं, जिस वजह से वह भी केवल शहर की साफ सफाई है अन्य कोई ठोस निर्णय लेने की बजाय केवल अपना समय व्यतीत कर रहे हैं। निगमायुक्त केवल क्षेत्र में दौरा करके वाहवाही मीडिया में बटोर रहे हैं लेकिन हकीकत से वह भी रूबरू नहीं हो रहे हैं।

साफ सफाई के नाम पर दफ्तर में बैठकर केवल चर्चाएं कर रहे हैं, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हो पा रहा है। जिसको लेकर शहरवासियो में काफी रोष पनप रहा है। वहीं अन्य जॉन में भी रेगुलर कर्मचारियों को दर किनारे कर आउटसोस के कर्मचारियों की आईडी बनाकर निगम अधिकारियों की मिली भगत से धड़ल्ले से ठेकेदारों के बिल पास किया जा रहे हैं। जिससे निगम को लाखों का चुना हर महीने लगाया जा रहा है। निगम की अधिकतर ब्रांच में रिटायर्ड कर्मचारियों का बोलबाला चल रहा है।

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क्या कहते हैं गुरुग्राम निगमायुक्त

जब इस बारे में गुरुग्राम निगमायुक्त अशोक कुमार गर्ग से फोन पर संपर्क किया गया तो उन्होंने फोन ही नहीं उठाया जिससे उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका।

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