राष्‍ट्रीय

Waqf bill: क्या बदल जाएगा वक्फ का चेहरा? सुप्रीम कोर्ट आज दे सकता है बड़ा आदेश

Waqf bill: सुप्रीम कोर्ट आज लगातार दूसरे दिन वक्फ संशोधन कानून पर सुनवाई करेगा। माना जा रहा है कि आज देश की सर्वोच्च अदालत इस मामले में अंतरिम आदेश जारी कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट वक्फ संपत्तियों को डीनोटिफाई करने, कलेक्टर की जांच के दौरान नए प्रावधानों को लागू न करने और वक्फ बोर्ड के साथ वक्फ काउंसिल में गैर-मुसलमानों के प्रवेश पर आदेश जारी कर सकती है।

वक्फ संशोधन कानून पर सुप्रीम कोर्ट में दो घंटे की सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ दो घंटे तक सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से दो हफ्ते में इन याचिकाओं पर जवाब देने को कहा। हालांकि, बुधवार की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कानून के क्रियान्वयन पर तत्काल रोक नहीं लगाई, लेकिन पूरे देश में वक्फ कानून के विरोध में हो रही हिंसा को लेकर चिंता जताई।

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की बेंच ने 72 याचिकाओं पर सुनवाई की। ये याचिकाएं वक्फ (संशोधन) अधिनियम 2025 की संवैधानिकता के खिलाफ थीं। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और मुस्लिम संगठनों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल, राजीव धवन, अभिषेक सिंघवी, सीयू सिंह ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। इसके बाद मुख्य न्यायाधीश ने अंतरिम आदेश जारी करने का प्रस्ताव दिया, ताकि “समानता को संतुलित किया जा सके”।

मूलभूत अधिकारों के उल्लंघन का आरोप

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि यह नया कानून मुसलमानों के मूलभूत अधिकारों का उल्लंघन करता है और मुसलमानों के प्रति भेदभावपूर्ण है। उनका यह भी कहना था कि यह कानून असंवैधानिक है, इसलिए इसके क्रियान्वयन पर रोक लगाई जाए। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे आधारहीन बताया। इसके बाद बेंच ने कहा कि नए कानून के कुछ प्रावधान अच्छे हैं, लेकिन वक्फ द्वारा उपयोग और वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों के सदस्य होने जैसे कुछ प्रावधानों को सरकार से स्पष्टता की आवश्यकता है।

Amit Shah बिना दवा जी रहे हैं स्वस्थ जीवन! जानिए उनका फिटनेस मंत्र
Amit Shah बिना दवा जी रहे हैं स्वस्थ जीवन! जानिए उनका फिटनेस मंत्र

Waqf bill: क्या बदल जाएगा वक्फ का चेहरा? सुप्रीम कोर्ट आज दे सकता है बड़ा आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से सवाल किया कि वक्फ काउंसिल में गैर-मुसलमानों को क्यों शामिल किया गया है? क्या सरकार हिंदू मंदिरों के बोर्डों में मुसलमानों को शामिल करने की अनुमति देगी? इसके बाद कोर्ट ने पूछा कि वक्फ द्वारा उपयोग की व्यवस्था को समाप्त करने का क्या असर होगा? क्या कोर्ट द्वारा वक्फ संपत्ति घोषित की गई संपत्तियों को नए कानून के तहत डीनोटिफाई किया जाएगा? इसके अलावा, कोर्ट ने यह भी सवाल उठाया कि वक्फ बोर्ड उन ऐतिहासिक भवनों या संपत्तियों के कागजात कहां से लाएगा, जो सैकड़ों साल पुरानी हैं और वक्फ के पास हैं।

कपिल सिब्बल ने कानून की आलोचना की

कपिल सिब्बल, जो वक्फ कानून के खिलाफ दलील दे रहे थे, ने कहा कि 300 साल पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, तो वे उन मस्जिदों के deed कहां से लाएंगे? इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा कि वक्फ द्वारा उपयोग को क्यों हटाया गया है, इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जो संपत्तियां वक्फ के रूप में पंजीकृत हैं, वे वक्फ ही रहेंगी। कोर्ट ने पूछा कि वक्फ द्वारा उपयोग की व्यवस्था से पंजीकृत संपत्तियों का क्या होगा, इस पर केंद्र ने जवाब दिया कि कलेक्टर उस संपत्ति की जांच करेगा और उसे रिकॉर्ड में लाएगा।

कपिल सिब्बल ने वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों के प्रवेश को असंवैधानिक बताया, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से सवाल किया कि वक्फ बोर्ड में गैर-मुसलमानों के सदस्य क्यों रखे गए हैं? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वक्फ बोर्ड में अधिकतर सदस्य मुसलमान हैं और गैर-मुसलमानों की संख्या दो से अधिक नहीं होगी।

Mithun Chakraborty की मांग ने मचाई हलचल! क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?"
Mithun Chakraborty की मांग ने मचाई हलचल! क्या बंगाल में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

सुप्रीम कोर्ट ने कानून के कई प्रावधानों पर जताई चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वक्फ संपत्तियां जो अदालतों द्वारा वक्फ घोषित की गई हैं, उन्हें डीनोटिफाई नहीं किया जाना चाहिए, चाहे वे वक्फ द्वारा उपयोग हों या वक्फ द्वारा deed किए गए हों। बेंच ने यह भी संकेत दिया कि संशोधित कानून के एक प्रावधान पर रोक लगाई जा सकती है, जिसमें कहा गया है कि वक्फ संपत्ति को तब तक वक्फ नहीं माना जाएगा जब तक कलेक्टर यह जांच नहीं करता कि संपत्ति सरकारी जमीन है या नहीं।

विवादास्पद मुद्दों पर गर्मागरम बहस

सुनवाई के दौरान, बेंच और सॉलिसिटर जनरल के बीच वक्फ प्रशासन में गैर-मुसलमानों को शामिल करने के तर्क को लेकर गर्मागरम बहस हुई। न्यायधीशों ने सवाल किया कि अगर हिंदू धार्मिक संस्थाओं में इसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं होती, तो वक्फ प्रशासन में गैर-मुसलमानों का क्या तर्क है? सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि वक्फ काउंसिल में दो से अधिक गैर-मुस्लिम सदस्य नहीं होंगे और उन्होंने इसे हलफनामे में बयान करने की पेशकश की। लेकिन बेंच ने यह कहते हुए सवाल किया कि नए कानून के तहत केंद्रीय वक्फ काउंसिल के 22 सदस्य में से केवल 8 मुसलमान होंगे, ऐसे में गैर-मुसलमानों को बहुमत कैसे माना जा सकता है?

Back to top button