PM Modi का मास्टरप्लान! समुद्र की गहराइयों से निकलेगा करोड़ों का कारोबार भारत में नया युग शुरू

PM Modi ने मछली पालन क्षेत्र की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की समीक्षा के लिए गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मकसद देश में डीप सी फिशिंग और सीफूड एक्सपोर्ट को बढ़ावा देना है ताकि मछली पालन को एक मजबूत औद्योगिक क्षेत्र बनाया जा सके।
मुंबई में 255 करोड़ की परियोजनाओं की हुई शुरुआत
पिछले महीने 28 अप्रैल को मछली पालन विभाग ने मुंबई में 255 करोड़ रुपये की मछली पालन परियोजनाओं की शुरुआत की। इसके तहत ‘कोस्टल स्टेट्स फिशरीज मीट 2025’ का आयोजन हुआ जिसमें केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह ने सात तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया।
ग्रामीण आजीविका में मछली पालन की बड़ी भूमिका
सरकार की ये परियोजनाएं मछली पालन को ग्रामीण क्षेत्रों की आजीविका का मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं। देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में मछली पालन की बड़ी भूमिका है और इसके माध्यम से लाखों परिवारों को रोजगार मिलता है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आता है।
समुद्री संसाधनों में भारत की जबरदस्त ताकत
भारत के पास लगभग 2.02 मिलियन वर्ग किलोमीटर में फैला एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक ज़ोन है। इस विशाल समुद्री क्षेत्र में भारत के पास लगभग 5.31 मिलियन टन समुद्री मछली उत्पादन की संभावना है। 3,477 तटीय मछली पकड़ने वाले गांव भारत के कुल मछली उत्पादन का 72 प्रतिशत योगदान देते हैं।
सतत विकास के लिए शुरू की गई खास योजनाएं
मछली पालन मंत्रालय ने कई बड़ी योजनाएं शुरू की हैं जिनमें मेरीन फिशरीज जनगणना ऑपरेशन टर्टल एक्सक्लूडर डिवाइस परियोजना और वेसल कम्युनिकेशन एंड सपोर्ट सिस्टम के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी करना शामिल है। इन पहलों का उद्देश्य समुद्री मछली पालन को आधुनिक और टिकाऊ बनाना है।