Haryana: ऑपरेशन सिंदूर पर पोस्ट करने वाले प्रोफेसर की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई संभव

Haryana: ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के मामले में गिरफ्तार अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और हेड ऑफ डिपार्टमेंट अली खान महमूदाबाद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज यानी बुधवार को सुनवाई हो सकती है। उधर हरियाणा के सोनीपत की एक अदालत ने मंगलवार को उन्हें 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इस फैसले के चलते उन्हें पिछली रात जेल में गुजारनी पड़ी। याचिका में उन्होंने गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है और राहत की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटेश्वर सिंह की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।
पुलिस ने मांगा था रिमांड लेकिन कोर्ट ने भेजा न्यायिक हिरासत में
मंगलवार को पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सोनीपत के ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट आज़ाद सिंह की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने अदालत से उनकी रिमांड को सात दिन और बढ़ाने की मांग की थी लेकिन उनके वकील कपिल बलियान ने इसका विरोध किया। इसके बाद अदालत ने उन्हें 27 मई तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि प्रोफेसर बुधवार को शपथ पत्र देकर अपना पासपोर्ट सरेंडर करेंगे। साथ ही जेल अधीक्षक को निर्देश दिया गया कि प्रोफेसर को जेल में जरूरी दवाइयां नियमों के अनुसार दी जाएं।
सोशल मीडिया पोस्ट के चलते दर्ज हुई दो FIR
हरियाणा पुलिस ने प्रोफेसर महमूदाबाद को रविवार को गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ सोनीपत जिले के राई थाने में दो एफआईआर दर्ज की गई थीं। पहली एफआईआर हरियाणा राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया की शिकायत पर और दूसरी एफआईआर एक गांव की सरपंच की शिकायत पर दर्ज हुई थी। एफआईआर में उन्हें सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से देश की संप्रभुता और अखंडता को खतरे में डालने का आरोपी बनाया गया है। पुलिस ने पहले ही उन्हें सात दिन की रिमांड पर लिया था और अब अदालत ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
राजनीतिक और शैक्षणिक जगत से विरोध के सुर
प्रोफेसर अली खान की गिरफ्तारी को लेकर कई राजनीतिक दलों और शिक्षाविदों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि सोशल मीडिया पर अपनी राय रखना अगर गैरकानूनी है तो फिर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का क्या मतलब रह जाता है। वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की जल्द सुनवाई की मांग की थी और इसे मुख्य न्यायाधीश की बेंच के सामने उठाया गया था। अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर क्या रुख अपनाता है और क्या प्रोफेसर अली खान को कोई राहत मिलती है या नहीं।