सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, काब्रच्छा में जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल मलिक ने कहा कि किशोरावस्था में शारीरिक, बौद्धिक व भावनात्मक परिवर्तनों की वजह से बच्चे अपना अधिकतर समय हम-समूह के दोस्तों के साथ व्यतीत करना चाहते हैं। किशोर मन पर सबसे अधिक प्रभाव संगत का होता है, ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें तथा व्यवहारिक अनुशासन भी लागू करें। उन्होंने कहा कि बच्चों का कई बार पढ़ाई से ध्यान भटकने लगता है, इसके अनेक कारण जैसे घरेलू वातावरण में नकारात्मकता, पारिवारिक क्लेश, अत्यधिक स्वतंत्रता या अधिक कठोर नियंत्रण, बच्चों पर अत्यधिक विश्वास या अविश्वास, साधनों का अभाव या अधिक उपलब्धता, एकल परिवार या फिर माता-पिता की अत्यधिक व्यस्तता जिसकी वजह से बच्चों को समय ना दे पाना। उन्होंने कहा कि किशोर मन चंचल, अशांत, भावुक व व्याकुल होता है क्योंकि संवेगात्मक विकास की वजह से भावनाएं हिलोरे ले रही होती हैं। हार्मोन बदलाव की सही समझ ना होने की वजह से किशोरों और पारिवारिक सदस्यों के बीच रिश्तों में दूरियां पनपने लगती हैं। ऐसे में परिवार के बड़े-बुजुर्ग अपने अनुभव से किशोरों की उलझन को सुलझा सकते हैं। माता-पिता व अन्य सम्बन्धियों को बच्चों के साथ मित्रवत व्यवहार करना चाहिए। बिना संकोच किए उम्र-विशेष की जरूरतों अनुसार बच्चों को ज्ञान देना चाहिए।
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