सत्यखबर लाडवा (संजय गर्ग) – अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जिलाध्यक्ष बलदेव राठी ने कहा कि फरवरी 2016 के आन्दोलन को भडक़ाने में अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति या राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक का कोई हाथ नहीं है और समिति व उसके राष्ट्रीय अध्यक्ष का नाम इस मामले में घसीटना सरकार की बौखलाहट और आपाधापी का नतीजा है।
जिलाध्यक्ष बलदेव राठी समिति के प्रदेश महासचिव आशीष फौजदार के कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार पहले भी सी बी आई का दुरुपयोग करके समिति के राष्ट्रीय महासचिव अशोक बल्हारा समेत कई लोगों को लपेट चुकी है। अब सरकार का मकसद है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक को भी इस मामले में लपेट कर जाट आंदोलन की एकजुटता को तोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि फरवरी 2016 में समिति ने 21 फरवरी से आन्दोलन की घोषणा की थी। जबकि आन्दोलन 18 फरवरी से ही भडक़ाया गया। आन्दोलन को भडक़ाने में सरकार के मंत्रियों के नजदीकी लोगों का हाथ था। उन मन्त्रियों का मकसद सरकार के मुखिया को बदलवा कर स्वयं मुख्यमंत्री बनना था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लोगों की आंखों में धूल झोंक रही है। सरकार ने प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को जानबूझकर सार्वजनिक नहीं किया। क्योंकि रिपोर्ट में खुले तौर पर सरकार के ही लोगों को आन्दोलन भडक़ाने का दोषी पाया गया है।उ न्होंने माँग की है कि जनता को सच्चाई से अवगत कराने के लिए प्रकाश सिंह कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि सरकार समिति के अगुआ लोगों को झूठे मुकदमों में फँसाने से बाज आए। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश का जागरूक समाज भाईचारे को तोडऩे वाली किसी भी कार्रवाई का डटकर विरोध करेगा और सरकार की कुत्सित साजिश को बेनाकब करेगा। इस अवसर पर साहब सिंह, ज्ञानसिंह, शिवराम, पवन सिंह, जयप्रकाश, जगमेर, साहब, जगमाल, सतपाल, जगमाल, रामकुमार, बलवान, सतपाल, राजबीर आदि उपस्थित थे।
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