सत्य खबर, इंडिया
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के डिप्रेशन को लेकर कई तरह की बाते सामने आई हैं। कभी बताया गया कि वे बाइपोलर डिसऑर्डर से जूझ रहे थे, तो कभी कहां गया कि वे आर्थिक दिक्कतों से परेशान थे। लेकिन सुशांत के व्यक्तित्व का एक ऐसा भी पहलू था जहां वे खुद को हमेशा मोटिवेट करने की कोशिश करते थे। वे हमेशा खुद को पॉजिटिव रखने पर जोर देते थे। आजतक के हाथ लगे सुशांत के नोट्स को देख समझ आता है कि एक्टर खुद को हर स्थिति में मजबूत कैसे रखा करते थे।
अब सुशांत का इन दोहों को लिखना ही बता रहा है कि वे काफी पॉजिटिव माइंडफ्रेम में थे।वे ना सिर्फ गहरी चीजें पढ़ रहे थे बल्कि उन्हें अपनी जिंदगी में उतारने की कोशिश भी कर रहे थे। एक्टर ने कबीर के दोहे के अलावा मोमिन के शेर भी उन नोट्स में लिखे हैं। शेय कुछ इस प्रकार है- तुम मिरे पास होते हो गोया, जब कोई दूसरा नहीं होता।
नोट्स बयां कर रहे ये कहानी:
सुशांत को क्वांटम फिजिक्स में खासा दिलचस्पी थी। वे उस बारे में काफी पढ़ा करते थे. नोट्स में लिखा है- वास्तविकता का तब तक कोई महत्व नहीं जब तक आप उसे नापने की कोशिश ना करें।ऐसी कई जरूरी बातें सुशांत ने अपने नोट्स की जरिए बयां की हैं. इन नोट्स को पढ़े तो कोई नहीं कह सकता कि सुशांत किसी बात से परेशान थे। उल्टा वे तो काफी खुश और फोकस नजर आ रहे है। नोट्स की माने तो उस समय सुशांत केदारनाथ फिल्म की तैयारी कर रहे थे और एक्ट्रेस कृति सेनन संग अपनी बॉन्डिंग एन्जॉय कर रहे थे।
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