सत्यखबर, चंढ़ीगढ़
हरियाणा में टोल टैक्स की दरों में पांच फीसद तक बढ़ोतरी कर दी गई है। यह बढ़ोतरी उन कंपनियों ने की है, जिन्होंने सड़कें बनाने का ठेका सरकार से लिया था। इन सड़कों पर अच्छी सुविधा देने का दावा करते हुए निजी कंपनियों ने टोल टैक्स की दरों में बढ़ोतरी की है। दूसरी ओर, वास्तविकता यह है कि केएमपी और केजीपी पर लोगों का सफर सुरक्षित होने की बजाय खतरनाक है। कांग्रेस महासचिव एवं हरियाणा के पूर्व मंत्री रणदीप सिंह सुरजेवाला ने टोल टैक्स की दरों में बढ़ोतरी का विरोध करते हुए इन्हें वापस लेने की मांग सरकार से की है।
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हरियाणा में 32 नेशनल हाईवे व तीन नेशनल एक्सप्रेस-वे हैं, जिनकी कुल लंबाई 3,531 किलोमीटर है। हरियाणा का हर हिस्सा व हर जिला राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़ा है। एक जिले से दूसरे जिले में जाने के लिए सभी लोगों को राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरना पड़ता है। ऐसे में राष्ट्रीय राजमार्गों पर दिए जाने वाले टोल रेट सीधे-सीधे निजी वाहनों के खर्चे, बस यात्रा व आम जरूरत की वस्तुओं की कीमत पर सीधा प्रभाव डालेंगे। इसके अलावा माल ढुलाई के सभी वाहन भी राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरते हैं।
रणदीप ने बताया कि करनाल-जींद रोड पर गांव प्योंत के पास लगे टोल प्लाजा में भी टोल टैक्स के रेट में पांच प्रतिशत का इजाफा कर दिया गया है। हिसार के पास मैयड़ टोल प्लाजा में टोल टैक्स के दाम में पांच प्रतिशत का इजाफा कर दिया गया है। सुरजेवाला ने बताया कि कोरोना काल में सरकार ने एक तरफ पेट्रोल-डीजल पर लगातार टैक्स वृद्धि कर जनता पर बोझ डाला वहीं दूसरी बार टोल दरों में वृद्धि कर दी गई है, जो सरकार की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
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