सत्य खबर, नई दिल्ली
अक्सर हिन्दुस्तान को आंख दिखाने वाले पाकिस्तान ने अब अमेरिका को भी चेतावनी दी है। जिसकी चर्चा अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है। दरअसतल पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कड़े शब्दों में कहा है कि उनका देश न तो अमेरिकी सेना को मिलिट्री बेस बनाने की इजाजत देगा और न ही पाकिस्तान में कहीं भी ड्रोन अटैक करने की इजाजत देगा।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री कुरैशी का यह ब्यान ऐसे समय में आया है जब अमेरिका की तरफ से ये कहा जा रहा है कि वो भविष्य में अफ गानिस्तान को आतंकी संगठनों के खतरे से बचाने के लिए अपनी जगह कहीं बना सकता है या नहीं। हालांकि अमेरिकी अधिकारी ने इसकी जानकारी देते हुए पाकिस्तान का नाम नही लिया है|यही नही उन्होंने मीडिया में में आई अटकलों पर भी कोई जवाब नहीं दिया है।
उल्लेखनीय कि अफगानिस्तान की सीमाएं चार अलग-अलग देशों से मिलती हैं। इनमें पाकिस्तान, ईरान, उजबेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान,तजाकिस्तान शामिल हैं। इसमें भी अफगानिस्तान की सीमा अधिकतर पाकिस्तान से करीब 2600 किमी फि र ईरान से फि र तुर्कमेनिस्तान और तजाकिस्तान से मिलती है। ईरान से अमेरिका का तनाव काफी समय से बरकरार है। यही वजह है कि अमेरिका यहां पर अपना बेस बनाने के बारे में सोच नहीं सकता है।
वहीं पाकिस्तान पहले से ही अमेरिकी सेना को अफगानिस्तान के लिए अपनी जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत देता रहा है। अफगानिस्तान में नाओ की सप्लाई भी पाकिस्तान के ही रास्ते होती रही है। इसलिए भी पाकिस्तान अमेरिका के लिए सही जगह भी है। पाकिस्तान की तरफ से आए ब्यान से पहले मीडिया में इस तरह की खबरें आई थी जिसमें अमेरिका के हवाले से कहा गया था कि पाकिस्तान ने उन्हें अपने यहां पर मिलिट्री बेस बनाने और अपने एयरस्पेस का इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। साथ ही ये भी कहा गया था कि पाकिस्तान अमेरिकी सेना को मदद भी प्रदान करेगा।
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वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी का ब्यान आने से पहले मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी थी और मीडिया में चल रही अटकलों को विराम देने की पूरी कोशिश की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से पाकिस्तान में अमेरिकी सेना का बेस जैसी खबरों का खंडन करते हुए इनको अर्थहीन और झूठा करार दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका यह घोषणा कर चुका है कि न्यूयॉर्क हमले की बरसी से पहले वो अफगानिस्तान से अपनी सेना को वापस बुला लेगा। हालांकि अमेरिकी सीनेटर इसको लेकर बेहद चिंतित हैं कि अमेरिका के वहां से आने के बाद अलकायदा और आईएसआईएस जो की अब लगभग खत्म हो चुका है दोबारा उभर सकते हैं। यही वजह है कि अमेरिका चाहता है कि वापसी के बाद भी उसके पास अफगानिस्तान में जरूरत पडऩे पर सतान में और आने का सही और सुरक्षित रास्ता तैयार रहे। वहीं अब पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के ताजा ब्यान के बाद चर्चाओं को तो विराम मिल गया पर अब इस बारे में अमेरिका का रूख क्या होगा यह देखने वाली बात है।
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