Fertilizer is not available even after putting in lines
सत्य खबर,चरखी दादरी, प्रदीप साहू। चरखी दादरी में डीएपी के बाद अब यूरिया खाद की किल्लत से किसानों की चिंता बढ़ने लगी है। इस समय गेहूं की बिजाई में डीएपी और सरसों की पहली सिंचाई पर यूरिया खाद की जरूरत है लेकिन खाद नहीं मिलने से किसानों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। महिलाएं चूल्हा-चौका तो बच्चों को स्कूल की बजाए खाद के लिए लाइनों में लगना पड़ रहा है। इतना ही नहीं बल्कि किसानों को खाद के साथ जबरदस्ती किटनाशक दवाएं थमाई जा रही हैं। ऐसे में खाद के साथ कुछ नहीं देने और पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध होने के दावे हवाई साबित हो रहे हैं।Fertilizer is not available even after putting in lines
किसानों के मुताबिक अल सुबह से खाद के लिए घंटो लाइन में खड़े रहने के बाद भी उन्हें यूरिया नहीं मिल पा रही है। खाद के साथ कीटनाशक दवा देने पर किसानों ने विरोध जताया और कहा कि सरकार के आदेशों के बाद भी किसानों को जबरदस्ती कीटनाशक और अन्य दवाएं दी जा रही हैं।
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वहीं खाद विक्रेता जयबीर ने बताया कि इस समय उनके पास खाद के करीब 850 बैग पहुंचे हैं, जो प्रत्येक किसान को दो-दो बैग दिए जा रहे हैं। इस समय किसानों की मांग के अनुरूप करीब 20 हजार हजार यूरिया खाद के बैग की डिमांड है। जो खाद आ रहा है वो किसानों को वितरित किया जा रहा है। किसानों को खाद के साथ कोई कीटनाशक दवा नहीं दी गई है।Fertilizer is not available even after putting in lines
बता दें कि सरसों और गेहूं की सिंचाई का समय आ गया है। सिंचाई के बाद खेत में नाइट्रोजन की पूर्ति के लिए यूरिया खाद का छिड़काव करना होता है। ऐसे में किसान खाद के लिए केंद्रों पर पहुंच रहे हैं। कई खाद केंद्रों पर तो किसानों की भीड़ को देखते हुए पुलिस पहरे में खाद का वितरण किया जा रहा है।
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