सत्य खबर, नई दिल्ली ।Also about the death of this great lyricist…
कहते हैं काम बोलता है और यह सच भी है. कुछ लोगों ने इस कदर अपने काम को डूबकर किया है कि आज ना होने के बावजूद उनका काम तारीफें बटोरता है. लेकिन इसे बदनीसीबी ही कहा जाएगा कि जिनका काम आज भी याद किया जाता है, वे जब दुनिया से गए तो किसी को पता भी नहीं लगा. आज जब उनके बारे में बातें होती हैं तो लगता है कि कई प्रतिभाशाली लोग ऐसे ही चले गए जिनकी प्रतिभा को कभी वो पहचान नहीं मिली, जितनी मिलनी चाहिए थे. बॉलीवुड में ऐसे ही एक गीतकार रहे हैं, जिन्होंने बॉलीवुड फिल्मों के लिए एक से बढ़कर एक गाने लिखे लेकिन उनका आखिरी समय गुमनामी भरा रहा. आइए, बताते हैं…
हम यहां जिस गीतकार की बात कर रहे हैं उनका नाम है वर्मा मलिक. वर्मा मलिक नाम उन्होंने फिल्मी दुनिया में आने के बाद बदला था. उनका असल नाम बरकत राय मलिक था और उनका जन्म 13 अप्रैल 1925 को हुआ था. वर्मा मलिक ने भारत की आजादी के आंदोलन में हिस्सा लिया था और वे अपने गीतों से लोगों में देशभक्ति की भावना जगाया करते थे और इस कारण वे कई बार जेल भी गए. आजादी के बाद उन्होंने अपनी लेखनी को ही अपना करियर बनाने का मन बनाया और इस काम में म्यूजिक डायरेक्टर हंस राज बहल ने उनकी मदद की.
जब खुद को कर लिया सबसे अलग
वर्मा मलिक ने कटाक्ष वाले गाने हों या फिर दिल की बात कहने वाले गाने हों. सभी को बखूबी लिखा और उनके कई गाने ऐसे रहे, जो लोगों की जुबां पर आज भी चढ़े हुए हैं. ‘चलो रे डोली उठाओ’ या फिर ‘मेरे यार की शादी है’ जैसे गाने तो आज की तारीख में भी बजते हैं.वर्मा मलिक के गानों ने बॉलीवुड में खूब धूम मचाई लेकिन बुढ़ापे में जब उनकी पत्नी का निधन हुआ तो वे बहुत आहत हुए. वर्मा मलिक ने पत्नी की मौत के बाद खुद को दुनिया से अलग कर लिया और अपनी दुनिया को एक कमरे तक सीमित कर लिया. उनके असिस्टेंट डायरेक्टर बेटे राजेश मलिक ने कई बार उन्हें लेखन के लिए कहा लेकिन उन्होंने अपनी कलम फिर नहीं उठाई. 15 मार्च 2009 को खामोशी से वे इस दुनिया को अलविदा कह गए. इसे बदकिस्मती ही कहेंगे कि उनके निधन की खबर किसी अखबार में नहीं छपी…
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वर्मा मलिक के गानों की लिस्ट, जो शायद आपके दिल में भी कई सवाल खड़े कर देगी….
आज मेरे यार की शादी है…
चलो रे डोली उठाओ…
बस्ती बस्ती नगरी नगरी…
हाय हाय ये मजबूरी ये मौसम…
हंगामा हो गया…
तेरे संग प्यार में नहीं…
बाकी कुछ बचा तो मंहगाई…
पंडितजी मेरे मरने के बाद…
इक तारा बोले…
मेरे प्यार की उमर हो इतनी…