Another relief to the leaders for panchayat election
सत्य खबर, चंडीगढ़ । हरियाणा के पंचायत चुनाव में पंच या सरपंच पद पर चुनाव लड़ने के लिए मूल निवास (डोमिसाइल) प्रमाण पत्र जरूरी नहीं है। चुनाव लड़ने के इच्छुक व्यक्ति का नाम वोटर सूची में होना ही काफी है। चुनाव आयोग ने इस संबंध में सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों को एडवाइजरी जारी कर दी है।
इसके साथ ही पंचायत में अलग-अलग पदों के लिए पुलिस वैरिफिकेशन की भी जरूरत नहीं। आयोग ने इस बारे में भी गाइडलाइंस जारी कर दिया है।
पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के उम्मीदवार को नामांकन के वक्त सिर्फ वोटर सूची में अपना नाम के बारे में ब्यौरा देना होगा। अगर उसका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो वह चुनाव लड़ सकता है। अभी इसके लिए कुछ जगहों पर मूल निवास प्रमाण पत्र भी मांगे जा रहे थे। जिस वजह से राज्य चुनाव आयोग को नए निर्देश जारी करने पड़े।Another relief to the leaders for panchayat election
पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में अलग-अलग पदों के लिए नामांकन कर रहे उम्मीदवारों को पुलिस सत्यापन प्रमाण पत्र यानी वैरिफिकेशन सर्टिफिकेट देने की कोई आवश्यकता नहीं है। आयोग की तरफ से यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। कैंडिडेट को महज खुद से सत्यापित एक शपथ-पत्र ( एफिडेविट) देना होगा, जिसमें अपने से संबंधित सभी पुलिस केस की जानकारी उस शपथ पत्र में देनी होगी।
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पंच, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य और जिला परिषद सदस्य के लिए जो भी उम्मीदवार चुनाव लड़ रहा है, उसे सिर्फ अपने से जुड़ा नो-ड्यूज सर्टिफिकेट देना होगा। इसके अलावा परिवार के किसी सदस्य पर यदि बकाया है तो भी वह चुनाव लड़ सकता है। किसी रिश्तेदार पर सरकारी बकाये के बदले उम्मीदवार का नामांकन रद नहीं किया जाएगा।Another relief to the leaders for panchayat election
इससे पहले सोशल मीडिया पर नई चुनी जा रही पंचायतों को लेकर एक लेटर वायरल हुआ। जिसमें दावा किया गया कि इस बार चुनी जा रही पंचायतों का कार्यकाल सिर्फ 3 साल का होगा। हालांकि राज्य चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि पंचायत का कार्यकाल 5 साल का ही होगा। सोशल मीडिया पर चल रही सूचना फर्जी है।
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