बालकनाथ, दीया कुमारी और राज्यवर्धन राठौड़ को खाली करना होगा सरकारी बंगला, 30 दिनों का मिला समय
सत्य खबर/ नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश और राजस्थान में विधानसभा चुनाव जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी के कई सांसदों ने इस्तीफा दे दिया है. अब लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने विधानसभा चुनाव जीतने वाले सभी बीजेपी सांसदों को 30 दिन के अंदर सांसद आवास खाली करने का नोटिस दिया है. जिन सांसदों को समिति ने आवास खाली करने का नोटिस दिया है उनमें सांसद बालकनाथ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और जयपुर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली दीया कुमारी शामिल हैं.
बीजेपी के सभी सांसद विधायक बन गये
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने अपने कई सांसदों को भी चुनावी मैदान में उतारा था. इनमें से अधिकतर सांसद चुनाव जीतने में सफल रहे हैं जबकि कुछ सांसदों को हार का भी सामना करना पड़ा है. बीजेपी ने तीन राज्यों में 21 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिनमें से 12 सांसद चुनाव जीतने में सफल रहे.
चुनाव जीतने वाले सांसदों में राजस्थान से सांसद बालकनाथ, दीया कुमारी, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, किरोड़ी लाल मीणा शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से रेणुका सिंह, गोमती साय और अरुण साव विधान सभा चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. मध्य प्रदेश से नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद सिंह पटेल, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह को सफलता मिली है.
अब सांसद को बंगला खाली करने का नोटिस
चुनाव जीतने वाले आठ सांसद सामान्य पूल का हिस्सा हैं जबकि तीन सांसद मंत्री हैं। मंत्रियों के आवास का आवंटन शहरी विकास मंत्रालय द्वारा किया जाता है।
लोकसभा आवास समिति द्वारा सांसदों को सांसद आवास आवंटित किये जाते हैं। अब कमेटी ने चुनाव जीतने वाले बीजेपी सांसदों को 30 दिन में घर खाली करने का नोटिस दिया है.
जिन सांसदों को यह नोटिस जारी किया गया है उनमें बालकनाथ, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी, राकेश सिंह, अरुण साव, गोमती साय, रीति पाठक और उदय प्रताप सिंह के नाम भी शामिल हैं.
Also Read – अंबाला में प्रदेश उपाध्यक्ष चित्रा सरवारा ने नवनियुक्त पदाधिकारियों को दिलाई शपथ
30 दिन के अंदर निवास छोड़ने का नियम
राजधानी दिल्ली के लुटियंस जोन में विभिन्न पार्टियों के सांसदों को आवास उपलब्ध कराया जाता है। लोकसभा आवास समिति द्वारा सांसदों की वरिष्ठता के आधार पर बंगले आवंटित किए जाते हैं। नियमों के मुताबिक, अगर कोई सांसद सांसद पद से इस्तीफा देता है तो 30 दिन के भीतर सरकारी बंगला खाली करना होता है.
इसी नियम के आधार पर लोकसभा आवास समिति ने सांसदों को बंगला खाली करने का नोटिस जारी किया है. अगर सांसद बंगला खाली नहीं करते हैं तो नोटिस अवधि बीतने के बाद उन्हें बाजार मूल्य के हिसाब से किराया देना होगा.