Bhaiya Dooj, know the auspicious time of Tilak today
सत्य खबर, नई दिल्ली ।
कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज का पर्व मनाया जाता है. इस पर्व को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है. इस वर्ष भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक भैया दूज आज 3 नवंबर 2024 दिन रविवार को मनाया जा रहा है. इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक कर उनकी लंबी उम्र और खुशहाली की कामना करती हैं. ऐसा करने से भाई-बहन दोनों के जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यमुना ने अपने भाई यम का अतिथि सत्कार के साथ भोजन कराया था. तब यमराज ने यह वरदान दिया था कि जो भी इस दिन यमुना में स्नान करके यम का पूजन करेगा, उसे मृत्यु के बाद यमलोक जाना नहीं पड़ेगा. यमुना को सूर्य की पुत्री माना जाता है. इसलिए इस दिन यमुना में स्नान करना, यमुना और यमराज की पूजा करने का महत्व है. अब सवाल है कि साल 2024 में भैया दूज का शुभ मुहूर्त क्या है? किस समय करें भाई के तिलक? क्या है भाई दूज की कथा? इस बारे में बता रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद से ज्योतिर्विद एवं वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-
भाई दूज का शुभ मुहूर्त
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, भाई और बहन के प्रेम व स्नेह का प्रतीक भाई दूज 3 नवंबर यानी रविवार को मनाया जा रहा है. द्वितीया तिथि की शुरुआत शनिवार रात 8 बजकर 22 मिनट पर हो रही है, जबकि रविवार की रात 11 बजकर 6 मिनट पर द्वितीया तिथि खत्म होगा.
तिलक का शुभ मुहूर्त
भाई दूज का पर्व रविवार को मनाया जाएगा. ज्योतिषाचार्य के मुताबिक भाई के तिलक करने का समय प्रात: 6 बजकर 45 मिनट से लेकर 11 बजकर 38 मिनट तक रहेगा. इस सौभाग्य योग में भाई के तिलक करने से शुभ फलों की प्राप्ति होगी. इसके बाद आप गुलिक काल में 2 बजकर 52 मिनट से लेकर 4 बजकर 05 मिनट तक भाई को तिलक और पूजन कर सकते हैं.
ऐसे करें पूजन
परंपरा के अनुसार अपने घर आंगन में गोबर से यमुना, यम और यमीन की आकृति बनाएं. फिर, पूजा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे कि दीपक, अगरबत्ती, कुमकुम, रोली, फूल, नारियल, फल और पूजा की थाली तैयार करें. इसके बाद बहनें अपने भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए ‘गंगा पूजे यमुना को यमी पूजे यमराज को, सुभद्रा पूजा कृष्ण को, गंगा यमुना नीर बहे मेरे भाई की आयु बढ़े” मंत्र का जाप करें. फिर भाई के तिलक लगाएं.