हरियाणा

छोटी टोली की बड़ी चाल! हरियाणा बीजेपी की मीटिंग में क्या होने वाला है बड़ा ऐलान?

हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी ने आगामी महीनों में अपने संगठन को और अधिक मजबूत करने तथा संभावित चुनावों की रणनीति तैयार करने के लिए कमर कस ली है। इसी कड़ी में आज शाम 5 बजे हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के सरकारी आवास पर पार्टी की ‘छोटी टोली’ की एक बेहद अहम बैठक आयोजित की जा रही है। यह बैठक सिर्फ नाम में ‘छोटी’ जरूर है, लेकिन इसके नतीजे भविष्य की राजनीति में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।

इस बैठक में मुख्यमंत्री के साथ-साथ हरियाणा बीजेपी अध्यक्ष मोहनलाल बडौली, संगठन महामंत्री और तीनों प्रदेश महामंत्री शामिल होंगे। पार्टी सूत्रों की मानें तो इस अहम बैठक में आगामी चुनावी कार्यक्रमों, संगठनात्मक विस्तार, विपक्ष से निपटने की रणनीति, और स्थानीय मुद्दों पर पार्टी की पकड़ मजबूत करने जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

क्या है ‘छोटी टोली’?

बीजेपी की “छोटी टोली” वह कोर टीम होती है जो नीति निर्माण और रणनीतिक फैसलों में अहम भूमिका निभाती है। यह टोली पार्टी की दिशा और दशा तय करने वाली टीम होती है, जो सरकार और संगठन के बीच समन्वय बनाए रखने का भी काम करती है। इस टीम में आम तौर पर प्रदेश के सबसे प्रभावशाली नेता शामिल होते हैं और गुप्त रणनीति पर विचार होता है।

चुनावी हलचल से पहले रणनीति?

सूत्रों का कहना है कि हरियाणा में अगले कुछ महीनों में संभावित स्थानीय निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनावों की दृष्टि से यह बैठक बेहद अहम है। साथ ही पार्टी के आंतरिक समीकरणों को भी संतुलित रखने की योजना तैयार की जा रही है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व में पार्टी अपना जनाधार फिर से मजबूत करने की रणनीति पर काम कर रही है, ताकि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन से निपटा जा सके।

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पंचकूला में भी सियासी सरगर्मी

इसके साथ ही पंचकूला स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय ‘पंचकमल’ में भी एक और अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक की अध्यक्षता प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बडौली करेंगे। इसमें राज्य भर के 17 जिलों के अध्यक्ष हिस्सा लेंगे। दिलचस्प बात यह है कि कुछ जिलों की बैठक पहले ही गुरुग्राम में अलग से हो चुकी है, जिससे यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि पार्टी अपने अंदरूनी समीकरणों को बहुत सोच-समझकर साध रही है।

पंचकूला की इस बैठक में संगठनात्मक मजबूती, बूथ स्तर तक की तैयारियां, कार्यकर्ताओं की सक्रियता और आगामी कार्यक्रमों को लेकर रणनीतिक चर्चा की जाएगी। साथ ही स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर भी तैयारी का रोडमैप तय किया जा सकता है।

विपक्ष की नजरें भी टिकीं

बीजेपी की यह सक्रियता कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों की नजरों से ओझल नहीं है। विपक्षी खेमों में भी यह माना जा रहा है कि बीजेपी ने जमीनी स्तर पर फिर से पकड़ मजबूत करने की प्रक्रिया तेज कर दी है। वहीं, डीएसपी से माफी मामले में विपक्ष द्वारा किए जा रहे हमलों का जवाब देने और संगठन के भीतर एकजुटता बनाए रखने की रणनीति भी इस बैठक में तय हो सकती है।

क्या बदलेगा सियासी समीकरण?

हरियाणा की राजनीति में इन बैठकों को आने वाले राजनीतिक शिफ्ट के संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है। मुख्यमंत्री नायब सैनी अपनी छवि को जन-नेता के रूप में स्थापित करने के लिए इन बैठकों का नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि संगठन के पुराने चेहरों को साथ लेकर संतुलन बनाने की कोशिश की जा रही है।

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इन बैठकों के बाद आने वाले दिनों में कुछ नए कार्यक्रमों की घोषणा, नेताओं की जिम्मेदारी में फेरबदल और नई संगठनात्मक नियुक्तियां भी देखने को मिल सकती हैं।

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