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TGT शिक्षकों को बड़ी राहत! हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक फैसला, जानिए क्या होगा आगे?

हरियाणा सरकार ने टीजीटी शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उनके अनुबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया है। इससे लाखों शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है, क्योंकि इससे पहले, 1 अप्रैल 2025 से इन शिक्षकों को सरप्लस दिखाकर कार्यमुक्त करने की योजना बनाई गई थी। लेकिन अब, शिक्षा विभाग की ओर से नया आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत इन शिक्षकों को 31 मार्च 2026 तक ड्यूटी जारी रखने की अनुमति मिल गई है।

एचकेआरएन के तहत टीजीटी शिक्षकों को मिली राहत

होरिजेंटल कैटेगरी रिक्रूटमेंट (एचकेआरएन) के तहत हरियाणा सरकार के सरकारी स्कूलों में सेवा दे रहे टीजीटी शिक्षकों के लिए यह फैसला काफी अहम है। पहले ये शिक्षक एक साल बाद कार्यमुक्त हो जाने वाले थे, लेकिन सरकार ने उनका अनुबंध एक साल बढ़ाकर 31 मार्च 2026 तक कर दिया है। इस फैसले से न केवल शिक्षकों को राहत मिली है, बल्कि इसके माध्यम से शिक्षा विभाग की कार्यकुशलता भी दिखाई दे रही है।

शिक्षा निदेशालय ने इस फैसले के तहत सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत उन सभी टीजीटी शिक्षकों का अनुबंध बढ़ाया गया है, जिन्हें पहले सरप्लस बताते हुए कार्यमुक्त कर दिया गया था। अब इन शिक्षकों को फिर से उनके पुराने स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, जहां वे पहले से बच्चों को पढ़ा रहे थे।

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टीजीटी के बाद पीजीटी का अनुबंध भी हो सकता है बढ़ाया

टीजीटी शिक्षकों के लिए यह राहत सिर्फ शुरुआत हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, पीजीटी (प्रवक्ता) शिक्षकों के अनुबंध भी जल्द ही बढ़ाए जा सकते हैं। इस पहल से न केवल शिक्षकों का भविष्य सुरक्षित हुआ है, बल्कि यह कदम शिक्षा के स्तर को भी सुधारने में मदद करेगा। अगर पीजीटी शिक्षकों का अनुबंध भी बढ़ाया जाता है, तो यह उन शिक्षकों के लिए और बड़ी राहत साबित होगा, जो लंबे समय से स्थायित्व की तलाश में थे।

शिक्षकों के लिए यह कदम क्यों जरूरी था?

यह फैसला तब आया है, जब शिक्षा विभाग की तरफ से यह जानकारी सामने आई थी कि बहुत सारे टीजीटी शिक्षक 1 अप्रैल 2025 से कार्यमुक्त होने वाले थे। यह खबर शिक्षकों के बीच चिंता का कारण बन गई थी, क्योंकि एक लंबी अवधि तक सेवा देने के बाद अचानक नौकरी जाने का डर था। इस कदम से शिक्षा विभाग ने न केवल शिक्षकों को राहत दी है, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया है कि छात्रों को अपनी शिक्षा में कोई रुकावट नहीं आएगी।

शिक्षकों के अनुबंध में वृद्धि से यह भी सुनिश्चित होगा कि स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बनाए रखा जा सके। साथ ही, यह कदम हरियाणा सरकार के लिए शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक सकारात्मक संकेत है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की स्थिरता से बच्चों को अधिक गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलने की उम्मीद है।

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क्या है अगला कदम?

अभी तक यह केवल टीजीटी शिक्षकों के लिए एक राहत का कदम था, लेकिन यह देखा जाना बाकी है कि सरकार भविष्य में अन्य श्रेणियों के शिक्षकों के लिए क्या कदम उठाती है। खासकर पीजीटी शिक्षकों के लिए भी सरकार के स्तर पर चर्चा हो रही है, जिससे आगामी दिनों में उनका भी अनुबंध बढ़ाया जा सकता है।

यह निर्णय न केवल शिक्षकों के लिए, बल्कि पूरे शिक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी जीत है। यह कदम उस दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां हरियाणा सरकार शिक्षा को और अधिक सुदृढ़ करने की कोशिश कर रही है। शिक्षकों की स्थिरता और कार्यक्षमता बढ़ाने से बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सकेगी, और यह राज्य की शिक्षा प्रणाली को भी एक नई दिशा दे सकता है।

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