ताजा समाचार

प्रियंका और राहुल गांधी के चुनाव लड़ने पर टिकी भाजपा की निगाहें

सत्य खबर, नई दिल्ली ।

लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की रायबरेली, अमेठी और कैसरगंज सीट पर टिकट का सस्पेंस खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. इन तीनों सीटों पर पांचवें चरण में चुनाव हैं और नामांकन का अंतिम दिन शुक्रवार को है. इसके बावजूद अभी तक कांग्रेस ने अमेठी और रायबरेली सीट पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया है. वहीं, बीजेपी ने भी कैसरगंज और रायबरेली सीट पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. गांधी परिवार के रायबरेली और अमेठी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला अब सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है. बृजभूषण शरण सिंह की कैसरगंज सीट पर बीजेपी ही नहीं सपा ने भी अपने पत्ते नहीं खोले हैं.

लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के नामांकन खत्म होने में 35 घंटे से भी कम समय बचा हुआ है. रायबरेली, कैसरगंज और अमेठी सीट पर जीत-हार से ज्यादा उम्मीदवार के नाम को लेकर चर्चा हो रही है. इन सीटों पर एनडीए और इंडिया गठबंधन अभी तक कशमकश में है. गांधी परिवार की मजबूत दुर्ग मानी जानी वाली अमेठी और रायबरेली सीट पर कांग्रेस किसे चुनावी मैदान में उतारेगी, इस पर फैसला अब सोनिया गांधी को लेना है. महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले के चलते कैसरगंज सीट से बृजभूषण शरण सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने को लेकर बीजेपी अभी तक फैसला नहीं ले पा रही है. ऐसे में सीट को लेकर सस्पेंस फंसा हुआ है.

रायबरेली सीट पर कांग्रेस-बीजेपी कन्फ्यूज
रायबरेली लोकसभा सीट पर कांग्रेस ही नहीं बीजेपी ने भी अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है. 2019 में कांग्रेस यूपी में रायबरेली सीट ही जीतने में कामयाब रही थी. सोनिया गांधी सांसद चुनी गई थीं, लेकिन अब वो राज्यसभा सदस्य हैं. गांधी परिवार की रायबरेली सीट परंपरागत मानी जाती है. मोदी लहर में भी कांग्रेस 2014 और 2019 में रायबरेली सीट जीतने में कामयाब रही है. इसके बाद भी कांग्रेस अभी तक रायबरेली से अपने उम्मीदवार को लेकर कोई फैसला नहीं ले सकी है. कांग्रेस ही नहीं बीजेपी भी रायबरेली लोकसभा सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा अभी तक नहीं कर सकी है, जबकि बसपा ने ठाकुर प्रसाद यादव को उम्मीदवार बनाया है.

Jharkhand Board 12th Result: झारखंड बोर्ड 12वीं के टॉप 5 टॉपर्स की लिस्ट आई सामने, कौन बना आपकी जिले का स्टार?
Jharkhand Board 12th Result: झारखंड बोर्ड 12वीं के टॉप 5 टॉपर्स की लिस्ट आई सामने, कौन बना आपकी जिले का स्टार?

अमेठी सीट पर कांग्रेस अमेठी लोकसभा सीट से बीजेपी की स्मृति ईरानी एक बार फिर से चुनावी मैदान में हैं, तो बसपा ने भी नन्हें सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है. स्मृति ईरानी ने नामांकन भी दाखिल कर दिया है, लेकिन कांग्रेस ने अभी तक अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है. 2019 में राहुल गांधी अमेठी सीट से चुनाव हार गए थे, लेकिन उससे पहले इस सीट पर उनके चाचा संजय गांधी, पिता राजीव गांधी और मां सोनिया गांधी सांसद रह चुकी हैं. अमेठी को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता रहा है और गांधी परिवार की परंपरागत सीट रही है. राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने की मांग स्थानीय कांग्रेसी नेता लगातार कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है.

अमेठी-रायबरेली पर सोनिया लेंगी फैसला
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अमेठी और रायबरेली सीट से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी चुनाव नहीं लड़ते हैं तो उत्तर भारत में गलत संदेश जाएगा. बुधवार को कांग्रेस आलाकमान की एक महत्वपूर्ण बैठक में इस मसले पर गंभीर चर्चा की गई. इसके अलावा अमेठी और रायबरेली में सोनिया गांधी के संसदीय प्रतिनिधि किशोरी लाल शर्मा ने दोनों जगह पर अलग-अलग बैठकें कर नामांकन के लिए रणनीति बनाई. ऐसे में उन्होंने कहा कि हमें सभी को उम्मीद है कि इन सीटों से गांधी परिवार ही मैदान में उतरेगा.

राहुल गांधी वायनाड से सांसद हैं और एक बार फिर उसी सीट से चुनाव लड़े हैं. ऐसे में उन्होंने स्पष्ट शब्दों में ये कह दिया है कि वो हार से नहीं डरते हैं, अमेठी से चुनाव लड़ लेंगे, लेकिन ये तय है कि वायनाड सीट नहीं छोड़ेंगे. प्रियंका गांधी का मानना है कि आजादी के आंदोलन से निकली पार्टी से तीनों गांधी संसद में हों ये अच्छा नहीं रहेगा. ऐसे में खरगे ने सोनिया गांधी से कह दिया है कि अमेठी और रायबरेली से राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को ही लड़ना होगा, संदेश देना जरूरी है, वरना कम से कम कोई एक तो लड़े ही. ऐसे में अब सोनिया गांधी के वीटो का इंतजार किया जा रहा है.

कैसरगंज पर बीजेपी-सपा का सस्पेंस
कैसरगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी का कब्जा है. इस सीट से बीजेपी के दिग्गज नेता बृजभूषण शरण सिंह सांसद हैं. महिला पहलवानों के यौन शोषण मामले के चलते बीजेपी पशोपेश में फंसी है कि मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह को चुनावी मैदान में उतारा जाए या नहीं. इसके चलते ही कैसरगंज सीट पर अभी तक बीजेपी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं कर सकी. बीजेपी के टिकट ना घोषित करने के चलते समाजवादी पार्टी भी अपने पत्ते नहीं खोल रही है. इस तरह पहले आप, पहले आप के कारण कैसरगंज सीटों पर मामला उलझा हुआ है.

Delhi: बारिश से दिल्ली में जाम का खतरा, ट्रैफिक पुलिस ने बनाई नई रणनीति
Delhi: बारिश से दिल्ली में जाम का खतरा, ट्रैफिक पुलिस ने बनाई नई रणनीति

बसपा प्रमुख मायावती ने गुरुवार को सुबह-सुबह कैसरगंज सीट से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है. बसपा ने नरेंद्र पांडेय को चुनाव में प्रत्याशी बनाया है, लेकिन सभी की निगाहें बीजेपी और सपा पर टिकी हुई हैं. बृजभूषण सिंह कद्दावर नेता माने जाते है और अभी तक कोई भी चुनाव वो नहीं हारे हैं. इतना ही नहीं अलग-अलग सीटों से चुनाव लड़कर जीतने में सफल रहे हैं. चर्चा इस बात की भी है कि अगर बीजेपी ने बृजभूषण का टिकट काटा तो बृजभूषण शरण सिंह बीजेपी से बगावत करके अन्य दल के साथ जा सकते हैं. इसी कारण ही समाजवादी पार्टी को बीजेपी के उम्मीदवार के नाम का इंतजार है.

Back to top button