सत्यखबर, दिल्ली
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से 10वीं, 12वीं की परीक्षा में बैठने वाले छात्रों से ली गई परीक्षा फीस वापस करने का निर्देश देने की मांग की गई है. बता दें कि देश भर में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के कारण कक्षा 10 और 12 की परीक्षा रद्द कर दी गई थी.
याचिका में कहा गया है कि कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के लिए छात्रों से एकत्र किए गए परीक्षा शुल्क को रद्द करने के लिए प्रतिवादी पूरी तरह से अनुचित है. इसके साथ ही याचिका में कहा गया है कि सीबीएसई को परीक्षा शुल्क के रूप में करोड़ों रुपये मिले हैं.10वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 7 विषयों के लिए परीक्षा शुल्क के रूप में 2100 रुपये का भुगतान किया था. लेकिन कोरोना महामारी के कारण कक्षा 10वीं की बोर्ड परीक्षा 14 अप्रैल 2021 को रद्द कर दी गई और कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा 1 जून 2021 को रद्द कर दी गई थी.
बता दें कि छात्रों से मिलने वाले परीक्षा शुल्क का इस्तेमाल सीबीएसई द्वारा पर्यवेक्षकों और परीक्षकों को भुगतान करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. इसके अलावा परीक्षा केंद्र स्थापित करने पर भी इसी से पैसा खर्च किया जाता है. संक्षेप में, परीक्षा शुल्क के रूप में लिया जाने वाला शुल्क परीक्षा के संचालन से संबंधित सभी प्रकार के खर्चों को कवर करने के लिए है.
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याचिकाकर्ता का तर्क है कि क्योंकि बोर्ड परीक्षा रद्द की जा चुकी है, जिससे बोर्ड को किसी तरह का खर्च नहीं करना पड़ा. ऐसे में सीबीएसई और केंद्र को परीक्षा शुल्क के रूप में एकत्र किए गए शुल्क को वापस करना चाहिए. बता दें कि हाल ही में अखिल भारतीय अभिभावक संघ भी परीक्षा शुल्क वापस करने की मांग कर चुका है.
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