सत्य खबर, पानीपत ।Chandigarh: A case has been registered against the station house officer at his police station.
चंडीगढ़ में एक इंस्पेक्टर ने पंजाब के कारोबारी को एनकाउंटर की धमकी देकर उसके पास से एक करोड़ रुपये लूट लिए. वहीं जब कारोबारी ने पुलिस में शिकायत दी तो आरोपी ने अपने प्रभाव से केस नहीं दर्ज होने दिया. लेकिन जब मामला एसएसपी तक पहुंचा तो आरोपी के खिलाफ उसी के थाने में केस दर्ज हुआ है. यही नहीं, जब सर्किल अफसर ने अपने दफ्तर में पीड़ित कारोबारी को बुलाकर आरोपी की शिनाख्त कराई तो वह मौके से फरार हो गया. अब पुलिस उसकी तलाश कर रही है.
यह वारदात सेक्टर 39 थाना क्षेत्र में दो दिन पहले का है. आरोपी इंस्पेक्टर नवीन फोगाट भी इसी थाने में एडिशनल एसएचओ है. पंजाब में बटिंडा के रहने वाले पीड़ित कारोबारी संजय गोयल ने पुलिस को शिकायत दी है. बताया कि वह करेंसी का काम करते हैं. उनके कुछ जानकारों ने दो हजार के नोट बदलने की बात उनसे की थी. ऐसे में वह 4 अगस्त को 500 रुपये के एक हजार नोट लेकर मोहाली पहुंचे थे.
यहां एरोसिटी रोड स्थित बराइट इमीग्रेशन पर उन्हें सरवेश नाम का आदमी मिला जो उन्हें चंडीगढ़ के सेक्टर 40 में किसी गिल नाम के व्यक्ति से मिलाया. उसी समय आरोपी इंस्पेक्टर और तीन पुलिसवाले जबरन उसकी गाड़ी में घुस और उनके कब्जे से पूरी रकम लूट ली. यहां से आरोपी पुलिस वाले उन्हें सेक्टर 39 जीरी मंडी के पास ले गए, जहां आरोपी पुलिस वालों ने उन्हें एनकाउंटर को धमकी और सारी रकम लेकर फरार हो गए. पीड़ित ने बताया कि वारदात के वक्त कोई व्यक्ति मर्सडीज कार में भी आया था, लेकिन वह बाहर नहीं निकला.
आरोपियों के जाने के बाद वह अपने घर पहुंचे और परिजनों को जानकारी दी. इसके बाद पुलिस में शिकायत दी गई, लेकिन आरोपी ने अपने प्रभाव से मुकदमा नहीं दर्ज होने दिया. इसके बाद पीड़ित ने एसएसपी कंवरदीप कौर से न्याय की गुहार लगाई. वहीं एसएसपी के आदेश पर डीएसपी चरणजीत ने पीड़ित को बयान दर्ज कराने के लिए सेक्टर 39 थाने में बुलाया, जहां आरोपी की शिनाख्त कराई गई. शिनाख्त होने के बाद आरोपी ने पीड़ित से डील करने का प्रयास किया, लेकिन पीड़ित ने मना कर दिया.
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उसी के थाने में दर्ज हुआ रंगदारी का केस
ऐसे में आरोपी डीएसपी के सामने से ही फरार हो गया. इसके बाद उसी के थाने सेक्टर 39 में डीएसपी चरणजीत के आदेश पर केस दर्ज किया गया है. इस मुकदमे में थाने के एडिशनल एसएचओ नवीन फोगाट, उसके तीन अज्ञात पुलिसकर्मी साथी, इमीग्रेशन कंपनी के सर्वेश, गिल और जतिंदर नाम के व्यक्ति को आरोपी बनाते हुए आईपीसी की धारा 356, 386, 420, 506 और 120 बी के तहत दर्ज किया गया है.
आरोप है कि इस वारदात में कुछ पुलिस अफसरों की भी भूमिका है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक इस आरोपी की अलग से जांच कराई जा रही है. बता दें कि एडिशनल एसएचओ के साथ यह विवाद कोई नया नहीं है. इससे पहले उसके खिलाफ रेप का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में उसे नौकरी से बाहर भी होना पड़ा, हालांकि बाद में कोर्ट से वह इस मुकदमे में बरी हो गया और दोबारा पुलिस में आ गया. इस वारदात के वक्त नवीन फोगाट साइबर सेल में तैनात था.
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