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दिल्ली आश्रय गृह में बच्चों की मौत, Devendra Yadav ने आप सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

दिल्ली आश्रय गृह में एक महीने के भीतर 13 मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की मौत के मामले पर प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष Devendra Yadav ने आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए हैं। रोहिणी स्थित दिल्ली सरकार के आशा किरण गृह में 12 से 20 साल की उम्र के बच्चों की रहस्यमय मौत पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि प्रशासन और कानून व्यवस्था का कोई नियंत्रण नहीं है।

Devendra Yadav ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में सरकार प्रभावी रूप से काम नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि 13 मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की मौत के साथ-साथ मानसून की बारिश के पानी में डूबने से तीन छात्रों की मौत और एक महिला व उसके बच्चे की नाला में गिरने से मौत के मामलों की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।

दिल्ली आश्रय गृह में बच्चों की मौत, Devendra Yadav ने आप सरकार की नीतियों पर उठाए सवाल

अपराधियों को मिलनी चाहिए कड़ी सजा

दिल्ली सरकार को इन सभी मामलों की जांच करनी चाहिए और दोषियों को सबसे कड़ी सजा देनी चाहिए। Devendra Yadav ने कहा कि आशा किरण गृह में 13 मानसिक रूप से विकलांग बच्चों की मौत के लिए सरकार सीधे तौर पर जिम्मेदार है। बच्चों का रहस्यमय तरीके से बेहोश पाया जाना और उनकी हालत के बारे में किसी को न पता होना प्रशासन पर सवाल उठाता है।

उन्होंने कहा कि बच्चों की तबियत खराब होने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि राजधानी में बिगड़ती स्थिति दिखाती है कि दिल्ली में कोई सरकार नहीं है। दिल्ली, जो लोगों ने एक विश्व स्तरीय राजधानी के रूप में जानी थी, अब वैसी नहीं रही।

छह महीनों में 27 मौतें

Devendra Yadav ने कहा कि सरकार को मानसिक रूप से विकलांग लोगों की मौत के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और इनकी जांच करानी चाहिए तथा दोषियों को सजा देनी चाहिए। आशा किरण गृह में ही नहीं, बल्कि पिछले छह महीनों में 27 मौतें रहस्यमय तरीके से हुई हैं, जिसकी पूरी जिम्मेदारी दिल्ली सरकार पर है।

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