Chirag Paswan का कांग्रेस पर बड़ा आरोप, कहा- पीएम मोदी बाबा साहेब के आदर्शों को साकार कर रहे हैं
Chirag Paswan: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए मतदान में अब महज दो दिन का समय बचा है। इससे पहले, लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है। रविवार को मुंबई में चिराग पासवान ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि उसने भारतीय संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर का अपमान किया। पासवान ने दावा किया कि कांग्रेस ने डॉ. अंबेडकर को लोकसभा चुनावों में हरवाने की साजिश की और उनका मजाक उड़ाया।
डॉ. अंबेडकर पर दिया बयान
चिराग पासवान ने मुंबई के दादर स्थित चैत्यभूमि में डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बाबा साहेब अंबेडकर के आदर्शों को साकार करने की दिशा में काम कर रहे हैं। यही वजह है कि विपक्ष डर गया है और उसके नेता संविधान की प्रतियां दिखा रहे हैं।”
चिराग पासवान ने यह भी आरोप लगाया कि 1989 तक संसद भवन के केंद्रीय कक्ष में डॉ. अंबेडकर की तस्वीर नहीं लगी थी, जबकि वहां “तीन परिवार के सदस्य” मौजूद थे। उनका यह बयान कांग्रेस के रवैये को लेकर था, जिससे यह साबित होता है कि कांग्रेस का दृष्टिकोण डॉ. अंबेडकर के प्रति नकारात्मक था।
“अब स्थिति बदल रही है”
चिराग पासवान ने कहा कि यह स्थिति कांग्रेस के नेतृत्व में थी, लेकिन अब परिस्थितियाँ बदल रही हैं। मोदी सरकार डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को आगे बढ़ाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा साहेब के सपनों को साकार करने के लिए कई योजनाएं लागू की हैं।
महाराष्ट्र चुनाव में अहम भूमिका
चिराग पासवान का यह बयान महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के ठीक पहले आया है, जहां महायुति (बीजेपी, शिवसेना- शिंदे गुट और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी) और महाविकास अघाड़ी (कांग्रेस, शिवसेना- उद्धव गुट और एनसीपी) के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। चिराग पासवान महायुति के उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए मुंबई आए थे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का बिग मुकाबला
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों के लिए मतदान 20 नवंबर को होगा। इस बार महायुति और महाविकास अघाड़ी के बीच जबरदस्त मुकाबला देखा जा रहा है। महायुति में भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी शामिल है, जबकि महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) और एनसीपी शामिल हैं।
चिराग पासवान का विपक्ष पर हमला
चिराग पासवान ने कांग्रेस पर डॉ. अंबेडकर के योगदान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हमेशा से डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को नकारने की कोशिश करती रही है। कांग्रेस के इस प्रयास का असर लोगों में है, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा अंबेडकर के आदर्शों को लागू करने की पहल ने कांग्रेस को हिला दिया है।”
मोदी सरकार की पहलें
चिराग पासवान ने मोदी सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा में लाने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा, मोदी सरकार ने अंबेडकर के विचारों को बढ़ावा देने के लिए कई स्मारकों का निर्माण भी किया है।
कांग्रेस की रणनीति पर सवाल
चिराग पासवान के इस बयान के बाद कांग्रेस की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। हालांकि कांग्रेस ने चिराग पासवान के आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन इस बयान ने चुनावी माहौल को गरमा दिया है। कांग्रेस का इस पर मौन रहना कई सवाल खड़े कर रहा है, खासकर इस समय जब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की वोटिंग से कुछ ही दिन पहले राजनीतिक माहौल तीव्र हो चुका है।
महाराष्ट्र चुनाव की अहमियत
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को देश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में देखा जा रहा है। इस चुनावी मुकाबले का परिणाम यह तय करेगा कि राज्य में अगली सरकार कौन बनाएगा। चिराग पासवान का बयान एनडीए गठबंधन के लिए चुनावी मुद्दा बन सकता है, और यह मतदाताओं के बीच एक अहम बिंदु बन सकता है।
चुनाव परिणामों पर नजर
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का परिणाम 24 नवंबर को घोषित किया जाएगा। इस समय यह देखना दिलचस्प होगा कि महाराष्ट्र के लोग किस गठबंधन का समर्थन करते हैं और किसे राज्य की बागडोर सौंपते हैं। चिराग पासवान के बयान ने पहले ही चुनावी माहौल को और भी तीव्र बना दिया है, और अब यह देखना होगा कि इसका असर चुनावी परिणामों पर किस हद तक पड़ता है।
चिराग पासवान का यह आरोप कांग्रेस के खिलाफ एक और राजनीतिक हमला साबित हो सकता है, जो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों को प्रभावित कर सकता है। मोदी सरकार द्वारा डॉ. अंबेडकर के आदर्शों को साकार करने की दिशा में उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए पासवान ने कांग्रेस के रवैये पर सवाल उठाए हैं। अब यह देखना होगा कि चुनावों में महाराष्ट्र की जनता किसे अपनी आशीर्वाद देती है और इस मुद्दे का चुनावी प्रभाव कितना गहरा होता है।