सत्य खबर /कोझिकोड:
इजरायल-हमास के बीच जंग अभी तक जारी है, उनक जंग को लेकर दुनियाभर में विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। भारत के दक्षिणी राज्यों में भी प्रदर्शन लगातार देखने को मिल रहे हैं। केरल में फिलिस्तीन का मुद्दा एक ऐसे मुद्दे के रूप में उभरा है, जहां सीपीएम की अगुवाई वाला सत्तारूढ़ एलडीफ गठबंधन और कांग्रेस की अगुवाई वाला विपक्षी यूडीएफ गठबंधन एक धरातल पर खड़ा है। सीपीएम द्वारा पिछले दिनों विशाल रैली करने के बाद अब कांग्रेस ने कोझिकोड में 23 नवंबर को फिलिस्तीनियों के समर्थन में रैली बुलाई। इसमें पार्टी के दो बड़े नेता केसी वेणुगोपाल और शशि थरूर शामिल हुए।
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कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस फिलिस्तीन के मुद्दे पर अपने पुराने रूख पर कायम है, जिसे महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरू ने अपनाया था, इसके बाद में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने उसे आगे बढ़ाया। कांग्रेस सरकार ने हमेशा इजरायल के हमले का विरोध किया और फिलिस्तीन के संघर्ष का समर्थन किया है।
मोदी सरकार की इजरायल नीति पर जमकर साधा निशाना
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद वेणुगोपाल ने कहा कि भारत की जो इजरायल – फिलिस्तीन को लेकर नीति अब तक चली आ रही थी, उसे पीएम नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद बदल दिया है। इजरायल-हमास के बीच जारी युद्ध को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र में प्रस्ताव लाया गया था, जिसमें भारत ने हिस्सा नहीं लिया। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश की जनता का अपमान हुआ है। कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी और इजरायली पीएम की पर्सनल केमिस्ट्री पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी और बेंजामिन नेतन्याहू एक जैसे हैं। बीजेपी विदेश नीति को जनसंपर्क कवायद के तौर पर इस्तेमाल कर रही है ताकि चुनावों में लाभ लिया जा सके।
क्यों फिलिस्तीनियों का समर्थन की जा रही ?
केरल दक्षिण भारत का एकमात्र राज्य है, जहां सबसे अधिक मुस्लिम आबादी है। 2011 के जनगणना क मुताबिक, केरल की आबादी 3.50 करोड़ है, जिनमें 54.7 प्रतिशत हिंदू, 26.6 फीसदी मुस्लिम और 18.4 प्रतिशत ईसाई हैं। राज्य में मुसलमानों के कई प्रभावशाली संगठन हैं। चुनावों में जीत के लिए इनका समर्थन बेहद अहम माना जाता है। इसी को देखते हुए पिछले दिनों प्रियंका गांधी ने खुलकर जंग को लेकर इजरायल की तीखी आलोचना की थी। वामपंथी पार्टियां दिल्ली से लेकर केरल तक लगातार इस मुद्दे को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रही हैं और कांग्रेस के रूख की आलोचना कर रही हैं। गुरूवार को हुई कांग्रेस की रैली को इसी के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है।।