सत्यखबर जींद (अशोक छाबड़ा) – चौधरी रणबीर सिंह विश्वविद्यालय ने लॉकडाउन के चलते कई अहम फैसला लिए हैं। विश्वविद्यालय प्रशासन ने टीचिंग, नॉन टीचिंग सहित वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार सहित सभी बड़े अधिकारियों के आगामी एक साल तक मोबाइल, टेलीफोन के बिल व रिफ्रेशमेंट के चार्ज दिए जाने पर रोक लगा दी है। यह निर्णय सीआरएसयू की फाइनेंस कमेटी की हुई बैठक में लिया गया। प्रदेश के अंदर हालात सामान्य होने के बाद ही नई रेगुलर भर्तियां विश्वविद्यालय में की जाएंगी।
विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आरबी सोलंकी ने बताया कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल के साथ प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए हुई थी, जिसमें कुछ निर्णय लिए गए थे। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी के कारण पूरे प्रदेश को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए प्रदेश सरकार पर कोई आर्थिक बोझ न पड़े, इसलिए कमेटी ने कुछ अहम निर्णय लिए हैं। इनमें टीचिंग और नॉन टीचिंग के साथ-साथ वाइस चांसलर रजिस्ट्रार स्तर के बड़े अधिकारियों को मिलने वाली सुविधाओं को एक साल के लिए रोका गया है,जिसमें मोबाइल व टेलीफोन के बिल व उनके रिफ्रेशमेंट चार्ज शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल पिछले दिनों खर्चों पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया था। विश्वविद्यालय कर्मचारियों के लिए लीव ट्रैवल कंसेशन एक वर्ष के लिए बंद कर दिए गए हैं। विश्वविद्यालय सिर्फ खिलाड़ियों, विद्यार्थियों के कौशल विकास के लिए जो जरूरी खर्च होंगे, केवल वही करेगा। इसमें ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रयोग होने वाले उपकरण, कंप्यूटर लैब,साइंस लेबोरेटरी के उपकरण ही शामिल होंगे।
विश्वविद्यालय के अहम तीन प्रोजेक्ट जिसमें लाइब्रेरी, गेस्ट हाउस, स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण होना था, उनके निर्माण को भी फिलहाल रोक दिया गया है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय की ओर से प्रदेश सरकार की उच्चतर शिक्षा परिषद को 10 बिंदुओं पर सुझाव पहले ही भेजे जा चुके हैं ताकि शिक्षा व्यवस्था को परेशानियों का सामना न करना पड़े।
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