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Delhi News: सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों की बड़ी सफलता, 15 घंटे बाद फिर से जोड़ा गया कटे हुए अंगूठे का अंग

Delhi News: दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण और सफल सर्जिकल प्रक्रिया के माध्यम से एक महिला के कटे हुए अंगूठे को 15 घंटे बाद फिर से जोड़ने में सफलता प्राप्त की। यह घटना तब हुई जब एक महिला, रूपा, अपनी चार साल की बच्ची को पकड़ने की कोशिश कर रही थी और उसकी हाथ एक वॉशिंग मशीन में फंस गई। इस घटना के कारण उसका दाहिना अंगूठा लगभग दो टुकड़ों में कट गया था, जिससे उसकी स्थिति गंभीर हो गई।

घटना का संक्षिप्त विवरण

9 अक्टूबर 2024 को हुई इस घटना में रूपा का दाहिना अंगूठा बुरी तरह से घायल हो गया। जब वह अपनी बच्ची को पकड़ने की कोशिश कर रही थी, तब उसका हाथ वॉशिंग मशीन में फंस गया और अंगूठे की त्वचा पूरी तरह से कट गई। इस दुर्घटना के परिणामस्वरूप अंगूठे का रक्त प्रवाह भी रुक गया था। अंगूठा केवल टेंडन से जुड़ा हुआ था और उसकी मध्य फालैक्स भी टूट गई थी। इस गंभीर स्थिति में, 28 वर्षीय रूपा को 10 अक्टूबर को शाम 7 बजे सफदरजंग अस्पताल में आपातकालीन इलाज के लिए भर्ती किया गया।

डॉक्टरों की टीम का प्रयास

रूपा की गंभीर चोट को देखकर उसे तुरंत प्लास्टिक सर्जरी विभाग में रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों की एक अनुभवी टीम, जिसमें सीनियर प्लास्टिक सर्जन डॉ. शलभ कुमार, डॉ. राकेश कैन, डॉ. उपेंद्र शर्मा, डॉ. धारूति, डॉ. नुपुर, डॉ. निकिता और डॉ. मानसी शामिल थे, ने मामले की जांच की। उन्होंने यह तय किया कि अंगूठे को फिर से जोड़ने का प्रयास करना चाहिए, हालांकि 12 घंटे बीत चुके थे, जिससे यह संदेह उत्पन्न हो गया था कि क्या अंगूठा फिर से जोड़ा जा सकता है और रक्त प्रवाह बहाल किया जा सकता है।

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पुनः संयोजन की जटिलता

डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि इस तरह के मामलों में रक्त वाहिकाएं बहुत पतली होती हैं और उनका पुनर्संयोजन एक जटिल प्रक्रिया है। आमतौर पर, पुनर्संयोजन की प्रक्रिया 6 से 8 घंटों के भीतर की जानी चाहिए, और कटे हुए अंग को बर्फ के पैकेट में रखा जाना चाहिए। फिर भी, डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि उनकी पूरी कोशिश की जानी चाहिए, और उन्होंने तुरंत ऑपरेशन थियेटर में जाने का फैसला किया।

सर्जिकल प्रक्रिया

सर्जरी के दौरान, डॉक्टरों ने लगभग 3 घंटे तक कार्य किया। उन्होंने रक्त वाहिकाओं को जोड़ा और देखा कि अंगूठा गुलाबी रंग में आने लगा, जो रक्त प्रवाह की पुनर्स्थापना का संकेत था। इसके अलावा, अंगूठे की हड्डी को एक स्टील वायर के साथ ठीक किया गया। सर्जरी के बाद, डॉक्टरों ने सुनिश्चित किया कि सब कुछ सही ढंग से काम कर रहा है।

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सफलता की कहानी

अब, तीन दिन बाद, रूपा अस्पताल के वार्ड में है और उसके अंगूठे का रक्त प्रवाह अच्छी तरह से स्थापित हो गया है। यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, खासकर तब जब 15 घंटे बाद पुनर्संयोजन किया गया। सीनियर प्लास्टिक सर्जन ने कहा कि इस तरह की जटिल सर्जरी करना और सफलतापूर्वक रक्त प्रवाह को बहाल करना चिकित्सा विज्ञान में एक मील का पत्थर है। यह सफलता केवल डॉक्टरों की मेहनत का परिणाम नहीं है, बल्कि यह मरीज की भी सहनशक्ति और सकारात्मक दृष्टिकोण का प्रमाण है।

सामुदायिक जागरूकता

इस घटना से यह स्पष्ट होता है कि वॉशिंग मशीन जैसे घरेलू उपकरणों का उपयोग करते समय सावधानी बरतनी चाहिए। महिलाओं और परिवारों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि कैसे छोटे-छोटे हादसे गंभीर चोटों का कारण बन सकते हैं। शिक्षा और जागरूकता ही ऐसे मामलों में प्राथमिक सुरक्षा प्रदान कर सकती है। लोगों को इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि यदि ऐसी कोई दुर्घटना होती है, तो उन्हें तुरंत क्या करना चाहिए और किस प्रकार की प्राथमिक चिकित्सा की आवश्यकता हो सकती है।

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