सत्य खबर । सफीदों
सफीदों क्षेत्र के बिजली उपभोक्ता सोमवार को बिजली विभाग को उस वक्त पानी पी-पीकर कोसते नजर आए जब वे बिजली बिल भरने के लिए कई-कई घंटों कतार में लगे रहे व काफी उपभोक्ता बिना बिल भरे ही वापस लौटने को मजबूर हुए।
बता दें कि लॉकडाउन के दौरान बिजली के बिलों का वितरण नहीं हुआ था। केवल एक बार औसत बिल भरवाए गए थे। पूरे लॉकडाउन के बाद अभी तीन दिन पहले ही विभाग ने बिजली के बिलों का वितरण किया था लेकिन इन बिलों के भुगतान की तिथि सोमवार की रख दी गई। केवल तीन दिन के भीतर ही बिलों के भुगतान की तिथि आने के दौरान दो दिन शनिवार व रविवार बीच में आ गया।
आखिरी दिन सोमवार को उपभोक्ताओं का तांता नगर के बिजली कार्यालय में लग गया और उपभोक्ताओं की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। स्थिति उस वक्त विकट हो गई जब ऑनलाइन बिजली बिल भरने के लिए साइट भी ठप हो गया। क्षेत्र के काफी तादाद में उपभोक्ता बिजली कार्यालय में जाकर बिल भरने की बजाए ऑनलाइन बिल भरते हैं लेकिन साइट ना चलने के कारण उन उपभोक्ताओं को भी बिजली कार्यालय में आना पड़ा।
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वहीं काफी उपभोक्ताओं के बिल उनके पास नहीं पहुंचे व काफी उपभोक्ता बिल बनवाने के लिए कतार में खड़े हुए दिखाई दिए। विभाग की व्यवस्था उस वक्त धराशायी होती दिखाई दी जब विभाग की साइट का सर्वर भी डाउन हो गया। उपभोक्ताओं का कहना था कि विभाग ने उपभोक्ताओं के साथ ज्यादती की है।
अभी तीन दिन पहले ही उन्हे बिल बांटे गए थे व सोमवार को बिल भुगतान की तारीख रख दी गई, जबकि पहले बिल भुगतान के लिए उन्हें करीब 15 दिनों का समय मिलता था। तीन दिन के भीतर उन्होंने किसी तरह से पैसों का इंतजाम किया लेकिन ऑनलाइन साइट बंद होने के कारण उनका भुगतान नहीं हो सका और अब जब वे कार्यालय में आकर बिल भरना चाहते हैं तो यहां भी अव्यवस्था का आलम है। यहां पर बहुत लंबी कतारें लगी हुई हैं।
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बिना बिल भरे जाने वाले उपभोक्ताओं का कहना था कि उनके बिल भरे नहीं जा सके है और अब उन्हें जुर्माने के रूप में भारी हर्जाना भरना पड़ेगा जिससे उनको आर्थिक नुकसान पहुंचेगा। उपभोक्ताओं का कहना था कि उनके बिल भी गलत बने हुए हैं। कहीं रीडिंग गलत है तो कहीं उनकी राशि कम या ज्यादा लगाई गई है। बिल बनवाने के लिए भी उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा है।
उपभोक्ताओं की मांग थी कि बिल भरने की तिथि बढ़ाई जाए, अगर तिथि नहीं बढ़ती है तो जुर्माना ना लगाया जाए, सभी बिलों की रीडिंग ठीक की जाए, उपभोक्ताओं के बिल दुरूस्त किए जाएं व बिल भरने की आनलाइन साइट चालू की जाए। उपभोक्ताओं की यह भी मांग थी कि कोरोनकाल में कामधंधे पूरी तरह से ठप रहे। जनता बेहद परेशान है व पेट भरने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार को उपभोक्ताओं की तरफ ध्यान देना चाहिए और बिलों में माफी होनी चाहिए।
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