चुनाव आयोग ने सुप्रिया श्रीनेत के खिलाफ जारी किया नोटिस
सत्य खबर/नई दिल्ली:
एक्ट्रेस कंगना रनौत पर अभद्र टिप्पणी करने के मामले में कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत को बड़ा झटका लगा है. चुनाव आयोग ने बुधवार को उन्हें नोटिस जारी किया है. उन्हें यह नोटिस चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन के मामले में जारी किया गया है. कंगना रनौत हिमाचल के मंडी जिले से बीजेपी उम्मीदवार हैं. चुनाव आयोग ने सुप्रिया श्रीनेत को 29 मार्च शाम 5:00 बजे तक अपना जवाब देने को कहा है. सुप्रिया फिलहाल कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रभारी हैं.
उधर, चुनाव आयोग ने बंगाल से बीजेपी सांसद को ममता बनर्जी पर टिप्पणी के लिए नोटिस भेजा है. ममता बनर्जी के खिलाफ दिया विवादित और निजी बयान. आरोप है कि दिलीप घोष ने असंसदीय टिप्पणी की थी. दिलीप घोष को 29 मार्च शाम 5:00 बजे तक चुनाव आयोग को जवाब देना है. दिलीप घोष ने कहा था, ‘ममता बनर्जी जब गोवा जाती हैं तो खुद को गोवा की बेटी बताती हैं. जब वह त्रिपुरा जाती हैं तो खुद को त्रिपुरा की बेटी बताने लगती हैं. उन्हें पहले अपने पिता की पहचान साफ़ करनी चाहिए.
सुप्रिया श्रीनेत ने क्या पोस्ट किया?
कंगना रनौत विवाद के तूल पकड़ने के बाद सुप्रिया की ओर से यह ट्वीट हटा दिया गया। उन्होंने पूरे मामले पर सफाई भी दी. कांग्रेस नेता का कहना है कि उनका एक्स हैंडल हैक हो गया है. उन्होंने ये पोस्ट नहीं किया. पोस्ट में कंगना की एक तस्वीर पोस्ट की गई. इस तस्वीर के साथ लिखा था कि बाजार में क्या कीमत है, क्या कोई बता सकता है? कुछ ही देर में ये पोस्ट वायरल हो गई. लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी ने कंगना को मंडी सीट से मैदान में उतारा है.
कंगना रनौत की प्रतिक्रिया
इस प्रकरण पर कंगना रनौत की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है. उन्होंने लिखा, ‘प्रिय सुप्रिया जी, एक अभिनेता के रूप में अपने करियर के पिछले 20 वर्षों में, मैंने सभी प्रकार की महिलाओं की भूमिका निभाई है। रानी में एक मासूम लड़की से लेकर धाकड़ में एक आकर्षक जासूस तक, मणिकर्णिका में एक देवी से लेकर चंद्रमुखी में एक राक्षसी तक।
रज्जो में एक वेश्या से लेकर थलाइवी में एक क्रांतिकारी नेता तक। हमें अपनी बेटियों को पूर्वाग्रहों के बंधनों से मुक्त करना चाहिए, हमें उनके शरीर के अंगों के बारे में जिज्ञासा से ऊपर उठना चाहिए और सबसे बढ़कर, हमें यौनकर्मियों के चुनौतीपूर्ण जीवन या परिस्थितियों का शोषण करने से बचना चाहिए। किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार या दुर्व्यवहार के रूप में… हर महिला अपनी गरिमा की हकदार है…”