सत्य खबर । चंडीगढ़
हरियाणा में आगामी कुछ माह में होने वाले विभिन्न शहरी नगर निकायों के चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों की ओर से इन चुनावों में अपने प्रचार-प्रसार आदि करने पर होने वाले खर्चे की सीमा को बीते 5 नवंबर को हरियाणा के राज्य निर्वाचन आयोग ने इस सम्बन्ध में जारी दो अलग-अलग आदेशों से बढ़ा दिया है। अब प्रदेश की नगर निगम में मेयर पद का सीधा चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार अधिकतम 22 लाख रुपये खर्च कर सकेगा, जबकि निगम पार्षद का चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार अधिकतम 5.5 लाख रुपये खर्च कर सकेगा।
आज से दो साल पहले नवंबर, 2018 में मेयर के सम्बन्ध में उक्त सीमा को अधिकतम 20 लाख रुपये तय किया गया था। दिसंबर, 2018 में करनाल, पानीपत, यमुनानगर, हिसार व रोहतक नगर निगमों में मेयर के प्रत्यक्ष चुनावों से ठीक पहले पूर्व खर्च की सीमा निर्धारित की गई थी। इससे पूर्व मई, 2017 में नगर निगमों के पार्षदों के चुनाव के लिए खर्चे की सीमा को अधिकतम 5 लाख रुपये तय किया गया था।
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वहीं राज्य निर्वाचन आयोग के ताजा जारी आदेशानुसार नगर परिषद् के पार्षद के लिए अधिकतम सीमा को वर्तमान 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 3.3 लाख कर दिया गया है, जबकि नगर पालिका पार्षद के लिए यह सीमा 2 लाख रुपये से बढ़कर 2 लाख 25 हजार होगी।
पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने इस विषय पर बताया कि चूंकि गत वर्ष सितम्बर, 2019 से हरियाणा में नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष/प्रधान के लिए भी अब नगर निगम मेयर की तर्ज पर प्रत्यक्ष चुनाव ही होगा, इस प्रकार नगर परिषदों और नगर पालिकाओं के अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए भी उम्मीदवारों की अधिकतम खर्चे की सीमा राज्य चुनाव आयोग निर्धारित करेगी।
आगामी कुछ महीनों में अम्बाला, पंचकूला व सोनीपत नगर निगम और कई मौजूदा एवं नवगठित नगर पालिकाओं और नगर परिषदों के लिए आम चुनाव होने हैं, जिसमें प्रदेश के शहरी निकाय मंत्री अनिल विज के गृह क्षेत्र अम्बाला कैंट में गत वर्ष पुनस्र्थापित हुई अम्बाला सदर नगर परिषद भी शामिल है।
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हेमंत ने बताया कि जहां तक हरियाणा में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव लडऩे वाले उम्मीदवारों का विषय है, तो जून, 2015 में राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायत के पंच के लिए अधिकतम 10 हजार रुपये, 15 वार्डों तक की ग्राम पंचायत के सरपंच के लिए 30 हजार रूपये जबकि 15 वार्डों से ऊपर की ग्राम पंचायत के लिए 50 हजार रुपये, पंचायत/ब्लॉक समिति सदस्य के लिए एक लाख रुपये जबकि जिला परिषद् सदस्य के लिए 2 लाख रुपये निश्चित किए थे, अब अगले वर्ष जनवरी-फरवरी 2021 में होने वाले हरियाणा के छठे पंचायती राज आम चुनावों से पहले उक्त सीमा राज्य चुनाव आयोग बढ़ाती है या नहीं, यह देखने लायक होगा हालांकि अब तक इसे नहीं बढ़ाया गया है।
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