सत्य खबर, चंडीगढ़। Eligible candidates will get flats and plots in Haryana, will have to do this work
रियाणा के सीएम ने हरियाणा के किसानों को बड़ी राहत दी है। सीएम ने घोषणा की कि बाढ़ की वजह से जिन किसानों की धान की फसल का नुक़सान हुआ है और वह दोबारा धान लगाते हैं तो उनको 7000 रुपए सरकार की तरफ से मुआवाजा दिया जाएगा। इस दौरान सीएम ने 6 नए पोर्टल की भी शुरुआत की। इनमें शहरी आवास योजना पोर्टल, दयालु स्कीम, प्रो एक्टिव OBC, नए ई-भूमि पोर्टल, हाउसिंग फ़ॉर ऑल विभाग, नई नो लिटिगेशन पॉलिसी पोर्टल का उद्घाटन किया।
Also Read:हरियाणा के इस शहर में चली दिन दिहाड़े गोलियां
सीएम ने कहा कि पूर्व सीएम ने मुझे पोर्टल की सरकार की संज्ञा दी है उसके लिए उनका धन्यवाद, लेकिन हमें इसके लिए खुशी है। हम लोगों की सुविधा के लिए नए पोर्टल लाते रहेंगे।
सीएम शहरी आवास योजना शुरू की
मुख्यमंत्री ने कई दौर की मीटिंग के बाद कहा कि आज से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना का शुभारंभ किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रेरणाा लेकर हमने संकल्प लिया कि हर परिवार के पास अपना घर हो। इस पोर्टल पर वे सभी गरीब परिवार घर के लिए आवेदन कर सकेंगे जिनके पास घर नहीं है और वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये से कम है। इस योजना में पंचकुला, गुरुग्राम, सोनीपत और फरीदाबाद में फ्लैट बनाए जाएंगे, अन्य शहरों में प्लाट व फ्लैट दोनों विकल्प होंगे।
सीएम ने बताया कि मुख्यमंत्री शहरी आवास योजना के तहत हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) द्वारा आवास कालोनियां बनाई जाएंगी।
नो लिटिगेशन पॉलिसी पोर्टल शुरू हुआ
7 जुलाई, 2023 को कैबिनेट बैठक में उन भूस्वामियों के लिए नो-लिटिगेशन पॉलिसी-2023 का निर्णय लिया गया है। जिनकी जमीन गांव कसान, कुकरोला और सेहरावां में आई.एम.टी. मानेसर के विस्तार के लिए अधिग्रहित की गई है। यह नीति हमने इसलिए बनाई है,ताकि भूस्वामियों की स्वैच्छिक भागीदारी से तेजी से विकास हो। इस नीति में शर्त यह है कि भूस्वामी 16 अगस्त, 2022 को घोषित अवार्ड के अनुसार मुआवजा स्वीकार करने के बाद अपनी भूमि की खरीद को चुनौती नहीं देंगे। इन अवार्ड्स में घोषित मुआवजा राशि में वृद्धि की मांग नहीं करेंगे और किसी भी अदालत में चल रहे इस भूमि से सम्बन्धित सभी मामले वापस लेंगे। प्रत्येक एक एकड़ भूमि के लिए 1,000 वर्ग मीटर के आनुपातिक आधार पर विकसित आवासीय या विकसित औद्योगिक भूखंड दिया जाएगा। आवंटन की दर पहली फ्लोटेशन के समय निर्धारित आरक्षित मूल्य के बराबर होगी। ‘भूमि पात्रता प्रमाण पत्र’ योजना बंद होने से तीन महीने की अवधि के भीतर जारी किया जाएगा।