सत्य खबर,नई दिल्ली.Eye flu cases are increasing in the country, know its symptoms and prevention.
दिल्ली में बारिश और बाढ़ का कहर है। इस बीच, आई फ्लू ने सबको बीमार कर दिया है। अब इस फ्लू की चपेट में छत्तीसगढ़ भी आ गया है। आई फ्लू के मामलों में राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए यह सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं कि आई फ्लू से संक्रमित बच्चों को स्कूल ना बुलाया जाए, ताकि आगे इसके प्रसार को रोका जा सके। बता दें कि छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने बताया कि राज्य में ‘आई फ्लू’ के 19,873 मामले दर्ज किए गए हैं। संक्रमण से पीड़ित लोग तीन से सात दिन में ठीक हो रहे हैं।
क्या होता है आई फ्लू ?
डॉ राधिका बताती हैं कि आई फ्लू के मामलों को मानसून के मौसम में देखा जाता है। मानसून के मौसम में कम तापमान और ज्यादा उमस होने के कारण लोग बैक्टीरिया, वायरस के संपर्क में आते हैं और बैक्टीरिया वायरस का एलर्जिक रिएक्शन कंजंक्टिवाइटिस यानी आई फ्लू का कारण बनते हैं।
आई फ्लू के लक्षण
आंखों के सफेद भाग पर लाल रंग की झाइयां आने लगे तो ये आई फ्लू के लक्षण माने जाते हैं।
मरीज की पलकें एक दूसरे से चिपकने लगती है। ये इस फ्लू का सबसे आम लक्षण है।
मरीज को ऐसे वक्त में न सिर्फ आंखों में दर्द महसूस होता है बल्कि उनकी आंखों से पानी भी बहता रहता है।
आई फ्लू के मरीज के आंखों में लालपन के आलावा आंख के नीचे वाले एरिया में सूजन आने लगता है।
आंखों का जलना भी आई फ्लू के लक्षणों में शामिल है। ऐसे वक्त में मरीज को धूप या पॉल्यूशन वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए।
फ्लू से बचाने के लिए क्या करें
फ्लू से बचने के लिए अपनी आंखों को बार बार छूने से बचना चाहिए।
आंखों से पानी निकल रहा है तो उसे हाथ से पोंछने की जगह साफ कपड़ा या टिशू का इस्तेमाल करें
आंखों का ख्याल रखने के लिए अपनी आंखों की सिकाई करें। गर्म रुमाल का इस्तेमाल कर सकते हैं
हाथों को सेनेटाइज करते रहें, चश्मा पहनकर घर से बाहर निकले, किसी और के चश्मे को पहनना या दूसरे व्यक्ति के रुमाल या गमछे के इस्तेमाल से बचना चाहिए.
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