सत्य खबर, हिसार
लगातार आंदोलनरत किसानों के बीच पहुंच रहे पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज हांसी स्थित रामायण टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों से मिले। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह पूरी तरह मन, वचन और कर्म से किसानों के साथ खड़े हैं। क्योंकि, वह खुद किसान के बेटे हैं और उसका दर्द अच्छी तरह समझते हैं।
हुड्डा ने कहा कि किसान अपनी जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। उनके इस संघर्ष में कई किसानों की शहादत हो चुकी है। बावजूद इसके, सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। ऐसा लगता है कि मौजूदा सरकार ने किसानियत और इंसानियत दोनों से नाता तोड़ लिया है। लेकिन, अन्नदाता के इस संघर्ष में हम पूरी तरह उसके साथ हैं। किसानों की शहादत बेकार नहीं जाएगी और आखिरकार सरकार को उनकी मांगे माननी ही पड़ेगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने टोल प्लाजा पर किसानों से मुलाकात के बाद पार्टी नेता उमेद लोहान के हिसार स्थित आवास पर पत्रकार वार्ता को भी संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि पूरे देश से लाखों की तादाद में आए किसान इस कड़कड़ाती सर्दी में दिल्ली के चारों तरफ सड़कों पर बैठे हैं।
आंदोलन को 2 महीने पूरे होने वाले हैं, फिर भी सरकार किसानों को तारीख पर तारीख के फेर में उलझाए हुए है। अन्नदाता की ऐसी अनदेखी दुर्भाग्यपूर्ण है। सरकार अन्नदाता के हालात और देश में उनकी भूमिका को समझ नहीं पा रही है। उसे समझना चाहिए उगाता तो एक किसान है लेकिन खाता पूरा हिंदुस्तान है। उसे समझना चाहिए कि तेल, खाद, बीज के दाम आसमान छू रहे हैं। मौजूदा सरकार में लगातार किसानों की लागत तो बढ़ रही है लेकिन किसान की आमदनी लगातार कम होती जा रही है।
ऐसे में उनकी मर्जी के खिलाफ 3 नये कानून थोपना किसान के साथ अन्याय है। सरकार को फौरन ये कानून वापस लेने चाहिए और किसानों को एमएसपी की कानूनी गारंटी देनी चाहिए। एमएसपी किसानों का अधिकार है।
पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात को दोहराया। उन्होंने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव से स्पष्ट हो जाएगा कि किस पार्टी का, कौन-सा विधायक किसानों के साथ खड़ा है और कौन किसान विरोधी सरकार के साथ खड़ा है। हुड्डा ने कहा कि हमने कई बार राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की है।
सरकार को जल्द ही विधानसभा सत्र बुलाना चाहिए क्योंकि, अब कोरोना भी काफी हद तक काबू में आ चुका है और बीमारी की वैक्सीन भी आ चुकी है। ऐसे में जरूरी है कि जनप्रतिनिधि सदन में किसानों समेत प्रदेश के सामने खड़ी तमाम चुनौतियों पर विस्तार से चर्चा करें।
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