सत्य खबर, चंडीगढ़।Haryana govt should conduct judicial inquiry under the supervision of a sitting high court judge into Nuh incident: Congress
हरियाणा कांग्रेस ने नूह की घटना का सच सामने लाने के लिये हाईकोर्ट के मौजूदा जज की निगरानी में न्यायिक जांच कराने की मांग की है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष चौ. भूपेंद्र सिंह हुड्डा व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौ. उदयभान ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि अगर सरकार दोषी नहीं है तो न्यायिक जांच से क्यों डर रही है। न्यायिक जांच से दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और पूरा सच जनता से सामने आ जाएगा, जो सभी को स्वीकार्य होगा। उदयभान ने कहा कि प्रदेश की जनता जानती है कि कांग्रेस विधायक मामन खान की गिरफ्तारी राजनैतिक द्वेष के कारण की गयी है, इसलिए सच सामने आना जरूरी है। उन्होंने कहा कि घटना के 15 दिन पहले सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट डाले जा रहे थे और सरकार सो रही थी। इससे स्पष्ट होता है कि दाल में कुछ ना कुछ जरूर काला है, जिसे सरकार छिपाने की कोशिश कर रही है। सरकार की निष्क्रियता से ऐसा लगता है कि या तो उसकी मिलीभगत थी या उसकी नाकामी थी। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि ये घटना हरियाणा पुलिस की विफलता के कारण घटित हुई, इसलिये हरियाणा पुलिस की जांच पर प्रदेश की जनता को भरोसा नहीं है। वहीं उदयभान ने सवाल उठाया कि इस घटना के दौरान जब दो होमगार्ड के जवान शहीद हुए तब प्रदेश की पुलिस कहां थी? हरियाणा की जनता को सुरक्षा दे पाने में नाकाम BJP-JJP सरकार अपनी नाकामियों का ठीकरा दूसरों पर फोड़कर बचने की फिराक में है।
हुड्डा ने कहा कि आधा सच तो मुख्यमंत्री के इस बयान से ही सामने आ गया था कि सरकार प्रदेश के हर नागरिक को सुरक्षा नहीं दे सकती। जो सरकार अपने नागरिकों को सुरक्षा नहीं दे सकती उसे एक दिन भी सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। सरकार के पास माहौल बिगड़ने की खुफिया रिपोर्ट पहले से होने और स्थानीय कांग्रेस विधायक आफताब अहमद द्वारा लगातार स्थानीय पुलिस-प्रशासन को बिगड़ते हालात की सूचना देने के बावजूद सरकार ने वक्त रहते कोई कदम नहीं उठाया। खुद गुरुग्राम से बीजेपी सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री राव इंद्रजीत सिंह और उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने भी प्रदेश सरकार की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं। हुड्डा ने कहा कि हमने पहले दिन से ही इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच कराने की मांग की है, जिसे सरकार ने स्वीकार नहीं किया। क्योंकि, उसकी मंशा पहले दिन से मामले की लीपा-पोती और असली दोषियों को बचाने व निर्दोष को फंसाने की रही है।