Haryana News : लाखों के घोटाले में पूर्व सरपंच के अलावा इन पर मामला दर्ज
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सत्य ख़बर, करनाल ।
करनाल में 14 लाख का घोटाला सामने आया है। इसमें पूर्व सरपंच समेत 5 लोगों पर FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि व्यक्ति ने सरपंच रहते हुए सरकारी फंड का गलत तरीके से इस्तेमाल किया और इस भ्रष्टाचार में उसके साथ 4 अन्य अधिकारी भी शामिल थे।
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि कश्यप धर्मशाला के नवनिर्माण के लिए राज्य सरकार से 14 लाख की ग्रांट मिली थी, लेकिन आरोपियों ने मिलीभगत कर नवनिर्माण की जगह इसकी मरम्मत करवा दी। साथ ही जब मामला सीएम विंडो तक पहुंचा तो इन्होंने पूरी बिल्डिंग को गिरा दिया और फिर नए सिरे से निर्माण करवाया। इसमें भी उन्होंने फर्जी बिल लगाए।
काछवा गांव में करीब 40 साल पहले कश्यप धर्मशाला बनाई गई थी, जिसकी हालात काफी जर्जर थी। इसकी दीवारें गारे-मिट्टी की बनी हुई थी, दीवारें भले ही कच्ची थी, लेकिन इस पर लेंटर डला हुआ था। इसके निवनिर्माण के लिए सरकार ने 14 लाख रुपए ग्रांट किए। उस समय सरपंच अजय कुमार थे।
अजय कुमार ने पंचायत सचिव मुकेश धीमान, पूर्व ग्राम सचिव महेंद्र सिंह, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी और समाज शिक्षा एवं पंचायत अधिकारी ने साथ मिलीभगत कर कमजोर दीवारों वाली चौपाल की छत को ऊपर उठा दिया, जबकि फंड को निवनिर्माण के लिए आया था। 14 लाख में से 5 से 10 लाख तो जर्जर हालत वाली चौपाल की छत को ऊपर उठाने में बर्बाद कर दिए गए।
2021 में काछवा गांव के ही हवा सिंह कांगर ने सीएम विंडो के माध्यम से इस पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में बताया गया कि कमजोर दीवार वाली चौपाल का लेंटर पांच फुट ऊंचा उठाया गया और इसे करने के लिए किसी प्रशासनिक अधिकारी की अनुमति नहीं ली गई और पंचायती फंड को खराब कर दिया गया। जबकि फंड चौपाल के नवनिर्माण के लिए आया हुआ था।
जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आया तो इसको तत्कालीन सरपंच अजय कुमार ने पंचायत के अधिकारियों के साथ मिलकर आनन-फानन में बिना किसी अथॉरिटी की अनुमति के बगैर गिरा दिया।
सरपंच ने फिर नए सिरे से चौपाल का निर्माण करवाया, लेकिन इसमें भी उन्हीं पुरानी ईंटों को लगाया गया जो पहले से ही लगी हुई थीं। जबकि बिल में उन्होंने दिखाया कि हमने नई ईंटे लगाई हैं। साथ ही बिल में मैटीरियल की भी झूठी खरीद दिखाई गई।
हवा सिंह ने बताया कि शिकायत के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच विजिलेंस को सौंपी। विजिलेंस ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट में शिकायत को सही ठहराया। रिपोर्ट आने के बाद करनाल के उपायुक्त ने मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। इसके आधार पर करनाल के जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी संजय टांक की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि यह पहला मौका नहीं है जब काछवा गांव के पूर्व सरपंच अजय कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी गांव वासियों ने उन पर स्ट्रीट लाइट के खंभों के लिए आए सरकारी फंड में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। उस मामले की जांच भी विजिलेंस को सौंपी गई थी। उन्होंने कहा कि सरकारी फंड का सही उपयोग नहीं हो रहा और विकास कार्यों में अनियमितताएं बरती गईं हैं। आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।