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हरियाणा: तेज बारिश में करोड़ों का गेहूं बर्बाद, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप

हरियाणा के जींद जिले की अनाज मंडी में गुरुवार रात तेज बारिश ने किसानों और आढ़तियों को भारी आर्थिक झटका दिया। मंडी परिसर में खुले में रखी गई करीब चार लाख गेहूं की बोरियां पानी में भीग गईं, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ। इस घटना के बाद से मंडी में काम करने वाले आढ़तियों और व्यापारियों में भारी रोष है। उनका आरोप है कि यह नुकसान प्रशासन की लापरवाही और व्यवस्थागत खामियों की वजह से हुआ है।

बारिश से लाखों क्विंटल गेहूं खराब

गुरुवार रात जींद सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में मौसम अचानक बिगड़ गया। तेज हवाओं के साथ भारी बारिश हुई, जिसका सबसे ज्यादा असर अनाज मंडी में देखा गया। मंडी में खुले में रखे गेहूं की लाखों बोरियां पानी में भीग गईं, जिससे गेहूं की गुणवत्ता खराब हो गई। भीगे हुए गेहूं को अब न तो खुले बाजार में ऊंचे दाम पर बेचा जा सकता है और न ही सरकारी खरीद के मानकों में शामिल किया जा सकता है।

आढ़तियों ने बताया भारी नुकसान

मंडी में काम करने वाले आढ़ती योगेश गोयल ने बताया कि मंडी में चार लाख से अधिक गेहूं की बोरियां रखी गई थीं, जो पूरी तरह से भीग गईं। उन्होंने कहा, “हमने तिरपाल डालकर अनाज को बचाने की कोशिश की, लेकिन बारिश इतनी तेज थी कि वह सब बेकार हो गया। पानी मंडी के अंदर तक घुस गया और गेहूं बर्बाद हो गया।”

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उन्होंने आगे कहा कि इस नुकसान की सटीक राशि का अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन यह करोड़ों रुपये में पहुंच सकता है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि आढ़तियों को उचित मुआवजा दिया जाए और भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

शेड और जल निकासी की व्यवस्था फेल

हालांकि मंडी में शेड की व्यवस्था थी, लेकिन आढ़तियों का कहना है कि वह नाकाफी साबित हुई। तेज बारिश का पानी शेड के अंदर घुस गया और अनाज को बचाया नहीं जा सका। मंडी में जल निकासी की उचित व्यवस्था न होने के कारण पानी काफी देर तक जमा रहा, जिससे गेहूं की बोरियों में सीलन और सड़न आ गई।

प्रशासन पर उठे सवाल

आढ़तियों का साफ कहना है कि अगर मंडी में पुख्ता इंतजाम होते, जैसे कि मजबूत शेड, जल निकासी की बेहतर व्यवस्था और अनाज को सुरक्षित रखने की आधुनिक प्रणाली, तो यह नुकसान टाला जा सकता था। उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों से निपटने के लिए दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।

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पश्चिमी विक्षोभ के कारण बदला मौसम

मौसम विभाग के अनुसार, यह बारिश पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हुई है, जो इस समय उत्तर भारत में सक्रिय है। इसके चलते आने वाले 24 से 48 घंटे तक मौसम इसी तरह बने रहने की संभावना है। इससे न केवल अनाज मंडियों बल्कि खेतों में खड़ी फसलों को भी नुकसान पहुंच सकता है।

हरियाणा के जींद में हुई इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि जब सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है, तो बुनियादी सुविधाओं में इतनी बड़ी खामियां क्यों हैं। आढ़तियों को हुए भारी नुकसान की भरपाई कब और कैसे होगी, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन फिलहाल जींद मंडी में नुकसान और नाराजगी दोनों का माहौल है।

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