सत्य खबर, दुमका ।He made the temple of education a base of ayyashi again.
झारखंड के दुमका जिले में शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले एक स्कूल को ही अय्याशी का अड्डा बना दिया गया. अय्याशी का अड्डा किसी और ने नहीं बल्कि स्कूल में ही पढ़ाने वाले शिक्षकों ने बनाया हुआ है. अपने पठन-पाठन से ज्यादा स्कूल में हो रही अश्लीलता और दूसरे नकारात्मक कार्यों के कारण यह चर्चा में है. यह पूरा मामला दुमका जिले के अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय का है. जहां पढ़ने वाली नाबालिग छात्राओं के साथ अश्लीलता की हदें पार की गई हैं.
आवासीय विद्यालय के प्रभारी प्रिंसिपल और नाईट गार्ड के द्वारा उनके जबरन कपड़े उतरवाकर छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया है. स्कूल के प्रिंसिपल और गार्ड द्वारा हर दिन की जा रही गलत हरकतों से परेशान होकर छात्राओं ने इसकी शिकायत दुमका जिला के उपायुक्त आंजनेयुलू दोड्डे से की है.
अश्लीलता और छेड़खानी का आरोप पाया गया सही
मामले पर गंभीरता देखते हुए दुमका उपायुक्त ने इसकी जांच प्रसिक्षु आईएएस प्रांजल और कार्यपालक पदाधिकारी सुप्रिया किस्कू को दिया है. जांच के क्रम में दुमका उपायुक्त द्वारा प्रशिक्षु आईएएस प्रांजल और कार्यपालक पदाधिकारी के नेतृत्व में गठित टीम ने आवासीय विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रिंसिपल शैलजानंद झा और नाइट गार्ड शिव पूजन पर लगाए गए अश्लीलता और छेड़खानी के आरोप को सही पाया है.
स्कूल में टीचर करते हैं शराब पार्टी
इसके बाद उपायुक्त के निर्देश पर जिला कल्याण पदाधिकारी ने दुमका जिला के आरोपी प्रिंसिपल शैलजानंद झा और नाइट गार्ड शिव पूजन के खिलाफ पॉस्को एक्ट, एसटी- एससी एक्ट सहित विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करवाई है. इसके साथ ही अनुसूचित जनजाति आवासीय बालिका उच्च विद्यालय में पढ़ाने वाले दो शिक्षक को भी स्कूल में शराब पार्टी करने के आरोप में दोषी पाया गया है. उनके खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है.