सत्य खबर, गुरुग्राम,सतीश भारद्वाज :In Gurugram, the crisis of livelihood for notary-deed writers deepens, dc and SDM will also be helpless, revenue will also be affected.
गुरुग्राम के अलवर रोड पर पंचायत भवन की इमारत व उसके आसपास बैठे डिड रायटरों के लिए रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। जिस जगह पर यह वर्षों से बैठे थे वह जगह जिला परिषद की थी जिसको वह किराया भी देते थे। जिसपर अब खाली करने का नोटिस लगा दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार
गुरुग्राम जिला परिषद द्वारा अपनी नई इमारत बनाने के लिए पुराने जर्जर हो चुके पंचायत भवन को ध्वस्त करने के बाद यहां वर्षों से बैठे वकील, नोटरी, डीड राइटर्स, नक्शा नवीस व टाइपराइटरों को हटा दिया गया है। जिसके लिए पहले नोटिस लगा दिया गया था। जिस पर खाली करने के लिए जेसीबी मशीन चलाई जा रही है। जिससे लीड राइटर में अच्छा खासा आक्रोश बना हुआ है उसी के चलते अपने लिए नया ठिकाना न मिलने से खफा डीड राइटरों व नोटरी ने जिला उपायुक्त निशांत कुमार यादव से मुलाकात कर उन्हें बैठने के लिए नया स्थाई स्थान उपलब्ध कराने की गुहार लगाई है। उन्होंने एसडीएम रविंद्र यादव से बात करने के लिए कहा फिर भी उनकी बात नहीं बनी तो एसडीएम ने तहसीलदार के पास भेज दिया । तहसीलदार ने उन्हें बेरी वाले बाग के पास बैठने का सुझाव दिया जहां पर पहले से ही विवाद चला हुआ है।
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बता दें कि जिला परिषद की जमीन पर बने पंचायत भवन की हालत जर्जर हो गई है।जिसे तोड़कर जिला परिषद के लिए नए कार्यालय का निर्माण किया जाना था। इसके लिए योजना तैयार कर जर्जर पंचायत भवन की इमारत को तोड़ दिया गया। इसके साथ ही यहां बैठे एडवोकेट, नोटरी और डीड व डॉक्यूमेंट्स राइटर्स को भी नोटिस देकर जगह खाली करने के लिए कहा गया, लेकिन उनके बैठने का कोई ठिकाना नहीं दिया है।
डीड राइटरो का कहना था कि वह पिछले करीब 30 सालो से जिला परिषद की जमीन पर बैठे हैं और परिषद को किराया भी देते हैं, लेकिन परिषद की तरफ से उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं की जा रही है। परिषद के चेयरपर्सन उन्हें आश्वासन तो दे रहे हैं लेकिन लिखित में नहीं।
परिषद अपनी नई इमारत के निर्माण के लिए जगह खाली करा रहे हैं। लोगों ने जिला उपायुक्त निशांत यादव से मुलाकात की। वहीं बताया गया है कि डीड राइटरो द्वारा कोर्ट में केस भी दायर किया गया था। इस केस का फैसला जिला परिषद के हक में आया है। नई इमारत का निर्माण करने के लिए यह जगह खाली कराई जानी है। जिसको लेकर रोजाना लाखों की रेवेन्यू देने वाले ये डीड राइटरो का काम कुछ दिनो के लिए काफी प्रभावित हो सकता है जिसके लिए उन्हें आर्थिक संकटों का भी सामना करना पड़ सकता है। जिसको लेकर उनमें काफी आक्रोश व्याप्त हो रहा है।
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