सत्य खबर, दिल्ली। India invites Pakistan
गंभीर आर्थिक संकट झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हाल ही में पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी. जिसके बाद भारत इस साल मई में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को आमंत्रित करेगा. अभी एक दिन पहले ही भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो और चीन के विदेश मंत्री किन गैंग को भी न्योता भेजा था. हालांकि, अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि बिलावल भुट्टो और किन गैंग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं.
इस बार भारत कर रहा है SCO की अध्यक्षता
इस साल शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता भारत कर रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक, एससीओ बैठक की तय तारीखें 4 और 5 मई है. अध्यक्ष देश के निमंत्रण को एक रेगुलर रूटीन माना जाता है. लेकिन पाकिस्तान को न्योता देना इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी खराब चल रहे हैं. बता दें कि अगर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री या विदेश मंत्री व्यक्तिगत रूप से बैठक में भाग लेने का निर्णय लेते हैं, तो यह 2011 के बाद से इस्लामाबाद से भारत की पहली ऐसी यात्रा होगी. पाकिस्तान की तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार ने उस वर्ष भारत का दौरा किया था.
क्यों बिगड़े दोनों देश के संबंध?
बता दें कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को उड़ा दिया था, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे. इसके बाद, अगस्त 2019 में भारत ने जम्मू और कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म कर दिया, जिससे संबंध और बिगड़ गए.
पाकिस्तान की ओर से की जा रही रिश्ते सुधारने की अपील
महंगाई और नकदी का संकट झेल रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने हाल ही में पीएम मोदी से बातचीत की अपील की थी. पाकिस्तान की ओर से बार-बार भारत के साथ रिश्ते सुधारने की अपील के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री और चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन में आने का निमंत्रण भेजा था. अधिकारिक जानाकारी के अनुसार, एससीओ शिखर सम्मेलन की बैठक का निमंत्रण भारतीय उच्चायोग ने इस्लामाबाद में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय को दिया है. हालांकि, अभी भी यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान निमंत्रण स्वीकार करेगा या नहीं.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पीएम मोदी से की थी अपील
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एक टीवी को दिए इंटरव्यू में कहा था कि हम एक दूसरे के पड़ोसी देश हैं और दोनों को एक दूसरे के साथ ही रहना है. भारत के साथ हमारे तीन युद्ध हुए हैं और इसने लोगों के लिए और अधिक दुख, गरीबी और बेरोजगारी ही लाई है. हमने अपना सबक सीख लिया है और हम शांति से रहना चाहते हैं.
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा था, “यह हमारे ऊपर है कि हम शांति से रहें और तरक्की करें या एक-दूसरे से झगड़ कर अपना समय और संसाधन को बर्बाद करें. मैं पीएम मोदी को संदेश देना चाहता हूं कि हम गरीबी को कम करना चाहते हैं. हम अपने लोगों के लिए शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं और रोजगार देना चाहते हैं. हम बम और गोला-बारूद पर अपने संसाधनों को बर्बाद नहीं करना चाहते हैं. ”
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रूस और चीन को भी न्योता
पाकिस्तान के अलावा भारत ने मध्य एशियाई देशों के साथ-साथ चीन और रूस के विदेश मंत्रियों को भी निमंत्रण भेजा है. चीन और रूस को जी-20 समिट के लिए भी आमंत्रित किया गया है.
शंघाई सहयोग संगठन में भारत और पाकिस्तान के अलावा चीन,रूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान है.
इससे पहले भी भारत ने दिया था निमंत्रण
अगस्त 2015 में भी भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्री सरताज अजीज को भारत आने का निमंत्रण दिया था. लेकिन भारत ने अजीज को हुर्रियत नेताओं से मिलने से परहेज करने के लिए कहा था जिसके बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने दौरा रद्द कर दिया था. India invites Pakistan
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