आईसीएमआर वैज्ञानिक रजनी कांत, जो कि इसके कोविड-19 टास्क फोर्स की सदस्य हैं, ने गुरुवार को कहा कि अभी तक के ट्रायल में वैक्सीन काफी प्रभावी दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि अगले साल की शुरुआत में फरवरी या मार्च तक कुछ मिलेगा।
हालांकि भारत बायोटेक की ओर से वैक्सीन को लेकर कुछ भी नहीं कहा गया है। बता दें कि देश में लगातार 10 दिनों तक कोरोना वायरस (कोविड-19) संक्रमण के नए मामले 50 हजार से कम रहने बाद गुरुवार को फिर संक्रमितों की संख्या इस आंकड़े को पार कर गई।
जिसकी प्रमुख वजह दिल्ली, केरल सहित कुछ राज्यों में संक्रमण में तेजी आना है। भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों में कोरोना के 50209 नए मामले सामने आए। इससे पहले लगातार 10 दिनों तक इनकी संख्या 50 हजार से कम रही थी। इन्हें मिलाकर संक्रमण के मामलों की संख्या 83.64 लाख से अधिक हो गई है।
रजनी कांत, जो आईसीएमआर के अनुसंधान प्रबंधन, नीति, नियोजन और समन्वय सेल के प्रमुख हैं, ने कहा कि यह तय करना स्वास्थ्य मंत्रालय पर निर्भर था कि तीसरे चरण के परीक्षण समाप्त होने से पहले भी लोगों को कोवैक्सीन के डोज दिए जा सकते हैं या नहीं। कांत ने कहा कि वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल काफी दिखाई दिए हैं।
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