सत्य खबर, नई दिल्ली।
Indian daughters will join the Israeli army and compete with Hamas terrorists.
इजरायल और आतंकवादी संगठन हमास के बीच जंग का बिगुल बज चुका है. दोनों ओर से लगातार एक दूसरे पर रॉकेट और बम दागे जा रहे हैं. इजरायल स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इजरायल में फिलिस्तीनियों द्वारा 1,200 से अधिक इजरायली और विदेशी नागरिकों की हत्या कर दी गई है. हलांकि इस जंग में भारत की दो जांबाज लड़कियां सुर्खियों में आ गई है.
TOI के अनुसार दरअसल इन दोनों लड़कियों का नाम रिया और निशा है. कथित तौर पर, निशा संचार और साइबर सुरक्षा विभाग में तैनात हैं और फ्रंटलाइन यूनिट की प्रभारी भी हैं, जो चुनौतियों का डटकर मुकाबला कर रही हें. वहीं रिया फिलहाल दुनिया की सबसे मजबूत सेना में स्थायी कमीशन पाने के लिए कमांडो ट्रेनिंग कर रही हैं. दोनों गुजरात मूल की महिलाएं है.
इन दोनों महिलाओं के पिता जीवाभाई मुलियाया और सवदासभाई मुलियाया जूनागढ़ के मनावदार तालुका के कोठाडी गांव के रहने वाले हैं. वे वर्षों पहले इजरायल चले गए और इजरायली नागरिकता हासिल कर ली. मुलियाया वर्षों से इजरायल में बसे हुए हैं. जीवाभाई राजधानी तेल अवीव में एक जनरल स्टोर चलाते हैं.
इजरायल में सेना में भर्ती होना अनिवार्य
बता दें कि इजरायल में 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए सेना में भर्ती होना अनिवार्य है. केवल शारीरिक और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए अपवाद बनाए गए हैं, जबकि प्रदर्शन करने वाले कलाकारों और खिलाड़ियों को पुरुषों के लिए 2 साल और आठ महीने और महिलाओं के लिए दो महीने की अनिवार्य भर्ती अवधि में 75 प्रतिशत की छूट दी गई है. इजरायल रक्षा बल (IDF) में पुरुषों और महिलाओं की संख्या लगभग बराबर है.
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अपनी बेटी के बारे में बात करते हुए, जीवाभाई मुलियासिया ने पहले कहा था ‘मेरी बेटी पिछले दो वर्षों से लेबनान, सीरिया, जॉर्डन और मिस्र की सीमाओं पर तैनात थी. वह गश डेन में तैनात थी, वह युद्धक्षेत्र जहां से इजरायली सेना 2021 में गाजा में हमास पर हमला कर रही थी.’
हालांकि, गुजराती मूल की दोनों महिलाएं इजरायल में चल रहे युद्ध में हिस्सा नहीं ले रही हैं, जहां बड़ी संख्या में गुजराती रहते हैं. विभिन्न मीडिया रिपोर्टों में दावा किया गया है कि गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी और उनकी पत्नी अंजलिबेन ने अपनी पिछली यात्रा के दौरान तेल अवीव में जीवाभाई के आवास का दौरा किया था.