सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज :
India’s largest car maker Maruti Suzuki has earmarked capital expenditure of ₹1.25 lakh crore at its Gurugram, Manesar and Gujarat plants by 2030-31.
देश की सबसे दिग्गज छोटी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया (MSIL) मारुति सुजुकी इंडिया (MSIL) ने सोमवार को कहा कि गुरुग्राम, मानेसर और गुजरात में मौजूदा संयंत्रों में नियमित पूंजीगत व्यय जारी रहेगा और 2030-31 तक कुल पूंजीगत व्यय ₹1.25 लाख करोड़ तक हो सकता है।सूत्रों तथा मीडिया रिपोर्ट्स से मिली जानकारी के अनुसार सुजुकी मोटर गुजरात (एसएमजी) के अधिग्रहण के लिए शेयरधारकों, विश्लेषकों और प्रॉक्सी सलाहकारों के लिए एक प्रस्तुति में एमएसआईएल ने कहा कि 2022-23 में पूंजीगत व्यय की राशि लगभग ₹7,500 करोड़ थी।
वहीं नई क्षमताओं को जोड़ने से अतिरिक्त नकदी प्रवाह आएगा लेकिन निवेश और आय के बीच अंतराल रहेगा। प्रबंधन का मानना है कि नकदी पहले उपलब्ध होनी चाहिए और आय की प्रत्याशा में खर्च नहीं की जानी चाहिएं। कंपनी की तरफ कहा गया है कि यदि किसी भी समय अतिरिक्त नकदी जमा हो जाती है, और निवेश की कोई आवश्यकता नहीं है, तो इसका उचित उपयोग किया जा सकता है, जिसमें लाभांश भुगतान बैंड को बढ़ाना और उच्च लाभांश का भुगतान शामिल है।
एसएमजी में सुजुकी मोटर कॉरपोरेशन (एसएमसी, जापान) के शेयरों के लिए ₹12,500 करोड़ से अधिक का भुगतान, मुनाफा, ईपीएस और लाभांश भुगतान को कम करने के अलावा, नकदी की कमी भी पैदा कर सकता है।एमएसआईएल ने अपनी स्थापना से ही अपने सभी खर्चों में मितव्ययी होकर नकदी भंडार जमा करने की नीति का पालन किया है। कंपनी ने कहा कि उत्पादकता बढ़ाने और बर्बादी कम करने पर जोर देने के साथ-साथ कर्मचारियों के सुझावों से सुधार करने से नकदी भंडार बनाने में मदद मिली है।
MSIL को दो मिलियन इकाइयों की क्षमता बनाने के लिए लगभग ₹45,000 करोड़ की आवश्यकता होगी। यह मौजूदा लागत और लागत वृद्धि के लिए एक छोटी राशि पर आधारित है, इसमें कहा गया है कि घरेलू बिक्री की मात्रा को लगभग दोगुना करने के लिए बिक्री, सेवा और स्पेयर पार्ट्स के बुनियादी ढांचे को बनाने के लिए धन की आवश्यकता होगी। वहीं कंपनी की तरफ से कहा गया है कि बड़ी मात्रा में कारों के निर्यात के लिए बुनियादी ढांचे को भी मजबूत करना होगा। अधिक लचीलेपन के लिए उत्पादन लाइनों के रूपांतरण के लिए अतिरिक्त पूंजी व्यय की आवश्यकता होगी। MSIL द्वारा किए जा रहे
आंतरिक दहन इंजन (ICE) कारों से संबंधित अधिकांश विकास कार्यों को सक्षम करने के लिए अनुसंधान और विकास को अतिरिक्त परिव्यय की आवश्यकता होगी।इस अवधि में विभिन्न ईंधन विकल्पों के साथ 10-11 नए मॉडल विकसित करने के लिए पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी। इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) और एसयूवी के उत्पादन के लिए भी बड़े पूंजीगत व्यय की आवश्यकता होगी। MSIL अपनी जरूरतों के लिए और ईंधन के रूप में बिक्री के लिए संपीड़ित बायो-गैस (CBG) के उत्पादन में निवेश करने पर विचार कर सकती है, ”कंपनी ने आगे बताया।
Also Read: मौसम अपडेट : हरियाणा में इस दिन से बन रहे बारिश के आसार
2014 में, MSIL ने शेयरधारकों को एक प्रस्ताव दिया कि MSIL के बजाय SMC, गुजरात में नई उत्पादन क्षमता के निर्माण का वित्तपोषण और कार्यान्वयन करेगी। वहीं कंपनी अपने गुजरात यूनिट को भी आगे बढ़ाने के लिए योजनाएं बना रही है। बता दे की गुरुग्राम के ओल्ड पालम रोड तथा मानेसर स्थित दोनों यूनिटों से गुरुग्राम का काफी विकास हुआ है।