Jayant Chaudhary gave controversial statement on Rewari culture
सत्य खबर, नई दिल्ली
चुनाव में मुफ्त उपहार देने यानी ‘रेवड़ी कल्चर’ पर सुप्रीम कोर्ट में बीते दिनों सुनवाई हुई है। सुनवाई के दौरान ‘रेवड़ी कल्चर’ पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने तीखी टिप्पणी भी की और केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से इसपर रिपोर्ट भी मांगी है। इसी बीच ‘रेवड़ी कल्चर’ को लेकर सोशल मीडिया पर बयानबाजी भी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के प्रमुख जयंत चौधरी ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) एनवी रमना पर कटाक्ष करते हुए विवादित बयान दिया है।
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जयंत चौधरी ने अपने एक ट्वीट में कहा, “भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश को ‘मुफ्त उपहार’ में क्या-क्या मिलता है।” इस ट्वीट के साथ जयंत चौधरी ने #RevdiCulture का हैशटैग भी लगाया है। जयंत चौधरी ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा है, ”प्रधानमंत्री जी को बताना चाहिए क्या अग्निपथ भी रेवड़ी नहीं है?”Jayant Chaudhary gave controversial statement on Rewari culture
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जयंत चौधरी की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त उपहारों के वितरण और वादों को एक गंभीर मुद्दा बताए जाने के बाद आई है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में साफ कर दिया था कि वह इसके लिए राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद्द नहीं कर सकते हैं। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इन मुफ्त सुविधाओं के कारण अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है, लेकिन हमें इसको इस तरह मैनेज करना है कि लोगों का कल्याण भी होता रहे। सुप्रीम कोर्ट के यह कहने के बाद कि वह राजनीतिक दलों को मुफ्त में प्रतिबंधित नहीं कर सकता, जयंत चौधरी ने कहा कि अदालत द्वारा की गई टिप्पणी काफी साहसिक प्रतीत होती है और सही भावना में नहीं की घई है।Jayant Chaudhary gave controversial statement on Rewari culture
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर टिप्पणी करते हुए, जयंत चौधरी ने एक ट्वीट में कहा, ” सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल की टिप्पणी काफी साहसी प्रतीत होती है और सही भावना में नहीं है! पिरामिड के निचले हिस्से को सीधे हस्तक्षेप की आवश्यकता है चाहे वह राशन में हो या वित्तीय सहायता के माध्यम से। यह जीवन के अधिकार सहित मौलिक अधिकारों की सुरक्षा से संबंधित है!?”
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