Kashi is more beautiful than Ayodhya
सत्यखबर, वाराणसी- देव दीपावली के मौके पर उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक राजधानी काशी में 21 लाख दीए जलाकर देव दीपावली का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया. इस दिन यहां के 84 घाटों में अलग ही रौनक देखने को मिली. दियों, झालरों से सजे इन घाटों पर देव दीपावली का नजारा देखते बन रहा था.Kashi is more beautiful than Ayodhya
बड़ी दिवाली के 15 दिन बाद बनारस में देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस दिन देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने के बाद नदी में स्नान करके दीपदान किया जाता है. माना जाता है कि ऐसा करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
देव दीपावली पर दीप दान करने का बहुत महत्व है. इस दिन बनारस में सूर्यास्त के साथ ही उत्तर वाहिनी गंगा के तट पर लाखों दीपों की रौशनी दिखने लगती है. सभी घाटों पर भव्य आरती, घण्ट-घड़ियालों की ध्वनि से देवताओं का स्वागत किया जाता है.
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कहा जाता है कि देव दीपावली के दिन स्वर्ग से देवता काशी आते हैं. इस साल बाबा विश्वनाथ का धाम तकरीबन 80 लाख रुपये के फूलों से सजाया गया है. इस महापर्व पर काशी का प्रत्येक घाट अलग-अलग रंग बिखेरता है. लेजर शो, आतिशबाजियां, दीपदान, सजावट , मेला लगाया जाता है. यह भव्य उत्सव देखने के लिए लोगों की भीड़ लगी रहती है.Kashi is more beautiful than Ayodhya
देव दीपावली पर काशी के हर घाट पर चकाचौंध नजर आती है. इस साल चेत सिंह घाट पर पहली बार 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो के माध्यम से गंगा आरती व देव दीपावली की कथा और लेज़र शो के माध्यम से भगवान शिव के चित्रात्मक भजन चलाए गए.
देव दीपावली के अवसर पर सिर्फ घाटों को ही नहीं शहर में भी रौनक दिखाई दी. खम्बों को झालरों से सजाया गया. विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन आतिशबाजी का भी लोगों ने जमकर आनंद लिया. इसके अलावा शहर के छह स्थानों पर घाटों की रौनक और महाआरतियों का सीधा प्रसारण किया गया.
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