सत्य खबर,गुरुग्राम, सतीश भारद्वाज : Land mafia occupies government land worth crores
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में कार्रवाई करते हुए हाईकोर्ट के आदेश से गत दिनों नाथूपुर में हुई सरकारी जमीन पर तोड़फोड़ के मामले को लेकर ग्रामीण में आक्रोश पनप रहा है। वही निगम चुनाव और 2024 के चुनाव को देखते हुए राजनीति में अपने पैर जमाने वाले कुछ कार्यकर्ता लोगों को इकट्ठा कर बहला फुसलाकर कानून व सरकार के खिलाफ भड़का रहे हैं। इसी मामले को लेकर रविवार को एमसीजी के गांव नाथूपुर में एक बैठक हुई। बैठक में निगम द्वारा तोड़फोड़ का विरोध किया।
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ग्रामीणों व नेताओं का कहना था कि गुरुग्राम नगर निगम का गठन वर्ष 2008 में हुआ था उसी के बाद से ही ग्रामीण क्षेत्र में कॉलोनयों में पूर्ण निर्माण कार्य बराबर इत्यादि के लिए मुंसिपल एक्ट 1994 के तहत नक्शा पास कराना अनिवार्य कर दिया था। वही ग्रामीणों को नोटिस देकर बिगर नक्शा पास कराए मकानों को तोड़ना शुरू कर दिया था। जिस पर भी निगल अधिकारियों और पार्षदों की दबंगई खूब चल रही है। चुनाव में वोटों की राजनीति के कारण पार्षद में मनचाहे लोगों के मकान तोड़ पाए और मनचाहे लोगों से सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करवाएं। जिसको लेकर लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हालांकि नगर निगम ने निगम क्षेत्रों में करोड़ों के विकास कार्य कराए हैं, लेकिन फिर भी ग्रामीण नगर निगम से खफा है।
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निगम क्षेत्र के कई गांव में तो पार्षदों ने चुनावी रंजिश के कारण सड़कों को लोगों के मकान से इतने उच्च उठा दिए कि सड़क का बारिश का पानी लोगों के घरों में घुसकर नुकसान पहुंचा। वही कुछ ग्रामीणों ने पंचायती जमीन में आए नोटिस ओं के बारे में भी चर्चा की जिनको इस बात का पता ही नहीं है कि यह सब कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की जा रही है। जिस आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि अगर चाहे तो प्रदेश सरकार अपने स्तर पर इस मामले को सुलझा सकती है लेकिन छूट भैया नेता केवल चर्चाओं में ही समय खराब करके इतिश्री कर लेते जबकि मुख्यमंत्री को इस बात से अवगत नहीं करा रहे हैं।
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बता दें कि नाथूपुर गांव में कुछ माह पहले ही पूर्व सरपंच ने एक हाई कोर्ट में पिटीशन दायर कर पंचायती नाले को साफ करवाने की गुहार लगाई थी जिस पर निगम अधिकारियों ने काफी पंचायती जमीन को खाली भी कराया था। जबकि नाथूपुर गांव में काफी पंचायती जमीन पर लोगों ने अवैध कब्जे कर जमकर पैसा बटोर रहे हैं। वही धोनी की जमीन पर भी व्यवसायिक गतिविधियां चला कर ढोली तारो का शोषण कर रहे हैं जिसके मामले हाईकर्ट में विचाराधीन है। इस मामले पर तो कोई भी ग्रामीण कुछ भी मुंह खोलने से कतरा रहा है।
जब इस बारे में निगम के एक अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना था कि ग्रामीण तो केवल हां हुल्ला और अपनी गलत प्रभाव प्रशासन पर डालने के लिए बैठकर कर रहे हैं जबकि निगम आने से गांव में काफी सुविधा पहुंची है। लेकिन जा भी सरकारी जमीनों सरेआम रास्तों पर लोगों ने कब्जा किया हुआ है सरकार के आदेश अनुसार उनको तो हर हालत में ही खाली कराया जाएगा। अगर ग्रामीणों ने सरकारी काम में बाधा पहुंचाने की कोशिश की तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। Land mafia occupies government land worth crores