सत्य खबर, पानीपत, ब्यूरो रिपोर्ट
लॉकडाउन से अचानक लड़खड़ाई जिंदगी की जो तस्वीर सामने आई है, वो आंखों में आंसू ला देने वाली है। श्रीनगर में काम कर रहे उत्तर प्रदेश के लोग 500 किमी का सफर तय कर पानीपत पहुंचे। कभी पुलिस के डंडे खाए तो कभी वाहनों पर लटके। एक दूसरे का सहारा बनते हुए 26 प्रवासी पानीपत पहुंचे। जब पानीपत के इसराना में उन्हें रोका गया तो वे फफक कर रो पड़े। उनकी परेशानी सुनकर समाजसेवी भी खुद के आंसू न रोक सके और प्रशासन से बात कर उन्हें घर छुड़वाने की व्यवस्था की।
कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में लॉकडाउन है। इससे दूसरे राज्यों में फंसे मजदूर यातायात के अभाव में पैदल ही अपने घर तक जाने की कोशिश कर रहे हैं। कई मामलों में तो मजदूर 100-100 किमी की दूरी पैदल तय कर रहे हैं। लेकिन करीब 26 मजदूर 500 किमी की दूरी पैदल तय कर पानीपत के इसराना पहुंचे।
मजदूरों की खुशनसीब थी कि सूचना मिलने पर संत बाबा राजिंद्र सिंह और समाजसेवी शंकर शार्मा और गौ रक्षा दल टीम इसराना सहित जनप्रतिनिधि पहुंच गए। उनको गुरुद्वारे साहब इसराना में खाना खिलाया। समाजसेवी राजा परढाना ने सभी मजदूरों को किराये के लिए 100 रुपये नगद और फ्रूट वितरित किए।
लॉकडाउन के चलते शहरों में निर्माण कार्य ठप हो गया है। मौहम्मद आशिफ, शराफत, शहाने आलम, मौहम्मद जानेद, उमर, शकिल अहमद, मोहम्मद समीर, सुहेल, नुर आलम व रहिस अंसारी ने बताया कि हमारा गांव बिजनौर से 150 किमी दूर है। हमे पता है कि परिवहन उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हमारे पास पैदल जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
दिहाड़ी मजदूरों का एक समूह श्री नगर से 600 किलोमीटर दूर किरतपुर जिले उत्तर प्रदेश स्थित अपने पैतृक गांव जाने के लिए 19 मार्च को पैदल रवाना हुआ। बुद्ध भवन के पास काफिला रोककर लोगों ने पूछताछ की। वे सभी डर गए और फफक कर रो पड़े।
मजदूरों ने 19 मार्च को सफर शुरू किया था और 27 मार्च सुबह इसराना पहुंचे थे। तभी दैनिक जागरण इसराना संवाददाता और समाजसेवी शंकर शर्मा की नजर पड़ी। उन्होंने मजदूरों के लिए खाने-पीने की व्यवस्था की इसराना साहब गुरुद्वारे बाबा संत राजिंद्र सिंह ने की।
Recycling aluminium alloys Scrap aluminium processing technology Metal scraps
Metal recycling and recovery facility Ferrous material personal protective equipment Iron waste reutilization center
Ferrous metal balers, Iron waste reclaiming and reprocessing, Metal sorting