सत्य खबर, नई दिल्ली । battery that can be eaten
जीवित प्राणियों के अंदर होने वाली जैविक रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं से प्रेरित होकर शोधकर्ताओं ने दुनिया की पहली पूरी तरह से खाने योग्य रिचार्जेबल बैटरी बना ली है। इस बैटरी की सबसे खास बात यह है कि इसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं। इस बैटरी को इटली के इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (IIT) के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है।
क्या है बैटरी की खासियत?
एडवांस्ड मैटेरियल्स “एन एडिबल रिचार्जेबल बैटरी” नामक जर्नल में इसके बारे में रिसर्च रिपोर्ट जारी की गई है। खाने योग्य रिचार्जेबल बैटरी को बनाने वाले इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो (आईआईटी) के शोधकर्ताओं की टीम ने इसे जैव रासायनिक रेडॉक्स प्रतिक्रियाओं से प्रेरणा लेकर बनाया है। आईआईटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बैटरी में राइबोफ्लेविन विटामिन बी 2 है। यह विटामिन बादाम में पाया जाता है और क्वेरसेटिन एक फूड सप्लीमेंट है, जो केपर्स में मौजूद होता है। इसके अलावा इसमें दो इलेक्ट्रोड लगे हैं।
इस बैटरी को खाने से मानव शरीर के अंदर कोई समस्या पैदा नहीं होती है। बैटरी में करंट की सप्लाई के लिए चारकोल का इस्तेमाल किया गया है, जबकि शॉर्टकट से बचाने के लिए इसमें सेपरेटर बनाया गया है। विद्युत चालकता बढ़ाने के लिए एक्टिवेटेड चारकोल को इलेक्ट्रोड सामग्री में मिलाया गया है और इलेक्ट्रोलाइट वाटर में खाद्य नमक सोडियम हाइड्रोजन सल्फेट का एक सॉल्यूशन है।
कई बार कर सकते हैं रिचार्ज
यूनिवर्सिटी ने कहा कि ओपन सर्किट आउटपुट 650mV है, और यह 12 मिनट के लिए 48μA या एक घंटे से अधिक समय के लिए कुछ माइक्रोएम्प्स प्रदान कर सकता है। साथ ही इसको कई बार चार्ज-रिचार्ज भी किया जा सकता है।
also read:
अतीक -असरफ हत्याकांड में अब इस गैंगस्टर का नाम जुड़ा
अरविंद केजरीवाल को झूठे केस में पूछताछ के लिए बुलाया: डॉ. सुशील गुप्ता
शोधकर्ताओं की समन्वयक मारियो कैरोनी ने कहा, “भविष्य के संभावित उपयोग खाद्य सर्किट और सेंसर से लेकर फूड स्टोरेज की स्थिति की निगरानी के लिए सेंसर की पावर तक स्वास्थ्य स्थितियों की निगरानी कर सकते हैं।” इसके अलावा, इन बैटरियों की सुरक्षा के स्तर को देखते हुए इनका उपयोग बच्चों के खिलौनों में किया जा सकता है। हम पहले से ही अधिक क्षमता वाले डिवाइस का विकास कर रहे हैं और इसके साइज को कम कर रहे हैं। इनका भविष्य में खाद्य सॉफ्ट रोबोट को पावर देने के लिए भी टेस्ट किया जाएगा।
खाने से नहीं होगी कोई दिक्कत
आईआईटी के शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बैटरी का उपयोग बच्चों के खिलौनों में किया जा सकता है। बैटरी में बैटरी सेल 0.65 वोल्ट पर संचालित होता है। यानी इसका वोल्टेज इतना कम होता है कि इसे अगर कोई गलती से खा भी लेता है तो कोई नुकसान नहीं होगा।
किस मटेरियल से बनी है बैटरी?
इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और यूनिवर्सिटी ऑफ सेलेंटो के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह ऐसी बैटरी है जिसे इस्तेमाल करने के साथ-साथ खा भी सकते हैं। इससे सेहत को भी कोई नुकसान नहीं होता, बल्कि फायदा होगा। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस बैटरी को खाने की चीजों से बनाया गया है, इसलिए चार्जिंग इस्तेमाल के साथ इससे भूख भी मिटाई जा सकती है और यह विटामिन से भरपूर है। battery that can be eaten
Recycling regulations for aluminum scrap Aluminium scrap stakeholder engagement Metal waste recycling facilities
Metal waste packaging Ferrous waste elimination Iron scrap reclamation yard
Ferrous material recycling marketing, Scrap iron recovery facility, Scrap metal recycling incentives