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Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर पहचानने का सरल तरीका, सिर्फ उंगलियों से करें 5 सेकंड में टेस्ट

Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर आजकल एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बन गया है, खासकर दिल्ली-एनसीआर जैसे प्रदूषित क्षेत्रों में। आंकड़ों के अनुसार, दुनियाभर में हर साल 20 लाख से अधिक लोग फेफड़ों के कैंसर के शिकार होते हैं, जिनमें से लगभग 18 लाख लोग इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा देते हैं। फेफड़ों के कैंसर का सीधा संबंध धूम्रपान से होता है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि इसका खतरा बिना धूम्रपान करने वाले लोगों में भी बढ़ता जा रहा है। अगर सही समय पर इसकी पहचान हो जाए, तो इसके खतरे को काफी हद तक कम किया जा सकता है। आज हम आपको बताएंगे कि कैसे एक साधारण ‘डायमंड फिंगर टेस्ट’ से आप घर बैठे 5 सेकंड में फेफड़ों के कैंसर की पहचान कर सकते हैं।

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण

फेफड़ों के कैंसर के शुरुआती लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है, क्योंकि ज्यादातर लोग इन लक्षणों को सामान्य स्वास्थ्य समस्याओं के रूप में नजरअंदाज कर देते हैं। निम्नलिखित लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए:

  1. लंबे समय तक खांसी या खांसते समय आवाज में बदलाव
  2. सांस लेते समय सीटी जैसी आवाज आना
  3. खांसते समय मुंह से खून आना
  4. तेजी से वजन कम होना
  5. भूख में कमी
  6. श्वसन तंत्र में सूजन और संक्रमण
  7. कंधे, पीठ और पैरों में दर्द

फेफड़ों के कैंसर की पहचान के लिए सामान्य परीक्षण

यदि इन लक्षणों में से कोई भी लंबे समय तक दिखाई दे, तो निम्नलिखित टेस्ट करवाने से फेफड़ों के कैंसर की पुष्टि की जा सकती है:

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  • चेस्ट एक्स-रे
  • एचआरसीटी स्कैन
  • फेफड़ों की बायोप्सी
  • ब्रोंकोस्कोपी

Lung Cancer: फेफड़ों का कैंसर पहचानने का सरल तरीका, सिर्फ उंगलियों से करें 5 सेकंड में टेस्ट

घर पर कैसे पहचानें फेफड़ों का कैंसर – डायमंड फिंगर टेस्ट

फेफड़ों के कैंसर की पहचान करने का एक आसान तरीका है ‘डायमंड फिंगर टेस्ट’। इस टेस्ट को करने के लिए अपने दोनों हाथों की तर्जनी (इंडेक्स फिंगर) और अंगूठे को मिलाएं और देखें कि उनके बीच कोई खाली स्थान बनता है या नहीं। अगर आपके उंगलियों के बीच कोई खाली स्थान नहीं बनता, तो यह फिंगर क्लबिंग का संकेत हो सकता है। फिंगर क्लबिंग एक ऐसी स्थिति है जो फेफड़ों के कैंसर का संकेत दे सकती है। कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, 35% से अधिक गैर-छोटे कोशिका फेफड़ों के कैंसर वाले लोगों में फिंगर क्लबिंग की स्थिति देखी गई है। क्लबिंग न केवल फेफड़ों में समस्या का संकेत है, बल्कि यह हृदय और पाचन तंत्र में भी गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

फेफड़ों के कैंसर से बचने के उपाय

फेफड़ों के कैंसर से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों का पालन करें:

  • धूम्रपान से दूरी बनाए रखें – फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है, इसलिए इसे पूरी तरह से छोड़ना या इससे बचना महत्वपूर्ण है।
  • फल और सब्जियां खाएं – संतरा, मौसंबी, आड़ू और गाजर जैसे फल खाने से फेफड़ों की सेहत में सुधार हो सकता है। इनमें विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं।
  • प्रदूषण से बचाव – सुबह और शाम के समय में प्रदूषण का स्तर अधिक होता है, इसलिए खुली जगह में एक्सरसाइज करने की बजाय घर के अंदर ही एक्सरसाइज करें।
  • स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं – नियमित व्यायाम करें, स्वस्थ खानपान अपनाएं और तनाव से दूर रहें। इन सभी आदतों से फेफड़ों की सेहत को मजबूत बनाया जा सकता है।

समय पर पहचान और इलाज जरूरी

फेफड़ों का कैंसर एक गंभीर बीमारी है, लेकिन इसका इलाज संभव है अगर इसे समय पर पहचान लिया जाए। शुरुआती लक्षणों को पहचानकर चिकित्सकीय सलाह लेने से ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। ‘डायमंड फिंगर टेस्ट’ एक आसान तरीका है जिससे आप इस बीमारी की शुरुआती पहचान कर सकते हैं, लेकिन यह पूर्ण परीक्षण नहीं है। यदि आप किसी भी तरह के लक्षण महसूस करते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और आवश्यक टेस्ट करवाएं।

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फेफड़ों के कैंसर के प्रति जागरूक रहकर और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखकर ही इस बीमारी से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी है, इसलिए इसे नजरअंदाज न करें और सुरक्षित रहें।

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