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Maharashtra Election Results: 2019 जैसे हालात फिर सामने, मुख्यमंत्री पद पर BJP के लिए चुनौती

Maharashtra Election Results: महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में एक बार फिर बीजेपी के नेतृत्व वाला महायुति गठबंधन सत्ता में वापसी की ओर बढ़ रहा है। चुनाव आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 288 विधानसभा सीटों में से 227 सीटें बीजेपी गठबंधन के खाते में गई हैं, जबकि कांग्रेस गठबंधन महज 55 सीटों पर सिमटता दिख रहा है।

हालांकि, महाराष्ट्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति खेमे के पास जश्न मनाने के कई कारण हैं, लेकिन इस जीत के बाद कुछ जटिलताएं भी उभर रही हैं। ये जटिलताएं काफी हद तक 2019 के महाराष्ट्र चुनाव परिणामों के बाद बनी परिस्थितियों से मिलती-जुलती हैं।

मुख्यमंत्री पद पर सबसे बड़ा सवाल

एनडीए की जीत के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि महाराष्ट्र का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा? देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे दोनों ने अपनी-अपनी सीटें, नागपुर दक्षिण-पश्चिम और कोपड़ी पाचपखाड़ी, सुरक्षित की हैं। ऐसे में शिंदे गुट यह तर्क दे सकता है कि महायुति ने एकनाथ शिंदे को सरकार का चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा और राज्य सरकार की नीतियों और वादों ने इस बड़े जनादेश में अहम भूमिका निभाई। इसलिए, उन्हें दोबारा महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

वहीं, फडणवीस के समर्थक यह दलील दे सकते हैं कि फडणवीस ने पार्टी की स्थिति मजबूत की है और पहले ही मुख्यमंत्री पद के लिए बलिदान दे चुके हैं। बीजेपी महायुति गठबंधन की मुख्य पार्टी है और उसके प्रदर्शन का स्ट्राइक रेट सभी सहयोगी दलों से बेहतर रहा है। इस लिहाज से, देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।

2019 की स्थिति से तुलना

दिलचस्प बात यह है कि महाराष्ट्र के परिणाम 2019 के चुनावों के बाद बने हालातों जैसी स्थिति पैदा कर सकते हैं। 2019 के राज्य चुनावों में बीजेपी ने 105 सीटें और अविभाजित शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं।

परिणामों के बाद, मुख्यमंत्री पद को लेकर मतभेद उभर गए। उद्धव ठाकरे ने दावा किया कि मुख्यमंत्री पद को लेकर रोटेशन का समझौता हुआ था, जिसे बीजेपी ने नकार दिया। अंततः शिवसेना ने गठबंधन तोड़ दिया और बीजेपी के इतिहास के सबसे लंबे समय तक चलने वाले गठबंधन का अंत हो गया।

Maharashtra Election Results: 2019 जैसे हालात फिर सामने, मुख्यमंत्री पद पर BJP के लिए चुनौती

बदला हुआ राजनीतिक परिदृश्य

पांच साल बाद, महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में कई नए खिलाड़ी शामिल हो चुके हैं। अब शिवसेना और एनसीपी के दो-दो गुट अपनी पहचान के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इस बार के चुनाव परिणामों में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे बीजेपी और एकनाथ शिंदे को उसी मोड़ पर खड़ा कर सकते हैं, जहां पांच साल पहले बीजेपी और उद्धव ठाकरे खड़े थे।

बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती

अब सवाल यह है कि क्या एकनाथ शिंदे पीछे हटेंगे, या यह जीत बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती खड़ी करेगी? मुख्यमंत्री पद छोड़ना बीजेपी के लिए एक कदम पीछे माना जा सकता है, जबकि मुख्यमंत्री पद के लिए जोर देना गठबंधन में दरार का जोखिम पैदा कर सकता है।

हालांकि, 2019 से एक बड़ा अंतर यह है कि अजीत पवार की एनसीपी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में बीजेपी को बहुमत का आंकड़ा छूने के लिए अपने दो सहयोगियों में से सिर्फ एक की जरूरत होगी। शिंदे सेना इस बात को ध्यान में रखते हुए किसी भी सौदे पर जोर देगी।

सीएम शिंदे का बयान

एनडीए की बढ़त के बाद मुख्यमंत्री पद के सवाल पर शिंदे ने सावधानीपूर्वक जवाब दिया। उन्होंने कहा, “हम बैठकर फैसला करेंगे।” इससे यह साफ है कि शिंदे फिलहाल किसी भी विवाद को टालने की कोशिश में हैं।

बीजेपी के लिए संभावित रणनीति

बीजेपी के लिए यह जरूरी होगा कि वह स्थिति को संभाले और महायुति के भीतर एकता बनाए रखे। मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई भी गलत निर्णय गठबंधन के भविष्य को खतरे में डाल सकता है। बीजेपी के पास यह विकल्प हो सकता है कि वह शिंदे गुट को मनाने के लिए उपमुख्यमंत्री पद और प्रमुख मंत्रालयों का ऑफर दे।

2019 से सबक

2019 के चुनावों के बाद बने हालात से बीजेपी को यह सीखना होगा कि गठबंधन में सहयोगियों की अहमियत को कम नहीं आंका जा सकता। अगर मुख्यमंत्री पद को लेकर कोई समझौता नहीं होता, तो यह गठबंधन के भीतर असंतोष पैदा कर सकता है।

महाराष्ट्र के विधानसभा चुनावों में महायुति की जीत बीजेपी के लिए बड़ी उपलब्धि है, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर सामने आ रही चुनौती को हल करना उनकी सबसे बड़ी परीक्षा होगी। देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे के बीच संतुलन बनाना और गठबंधन के भीतर तालमेल बनाए रखना बीजेपी के नेतृत्व के लिए एक जटिल काम है।

अब देखना होगा कि बीजेपी इस स्थिति को कैसे संभालती है और महाराष्ट्र की राजनीति में किस दिशा में आगे बढ़ती है। एक बात तो साफ है कि महाराष्ट्र की सियासत अगले कुछ हफ्तों में बेहद दिलचस्प मोड़ लेगी।

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